जिले में कोरोना का अलर्ट लागू, नहीं है कोई पॉजीटिव
🔲 कोरोना के लिए आवश्यक तैयारियां की गई : सीएमएचओ
🔲 समन्वय से किया आईसोलेशन वार्ड तैयार
हरमुद्दा
रतलाम, 1 अप्रैल। रतलाम जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां की गई हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि जिले में कोरोना का अलर्ट लागू है।
कोरोना से निपटने के लिए डीन मेडिकल कालेज डॉ. संजय दीक्षित एवं सिविल सर्जन डा. आनंद चंदेलकर से समन्वय कर आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है साथ ही क्वारंटीन वार्ड भी तैयार कर लिया गया है।
नहीं है कोई पॉजीटिव
कोरोना के संभावित मरीजों का नियमित परीक्षण किया जा रहा है। अब तक कुल 16 मरीजों के सैंपल लिए गए हैं और इनमें कोई भी मरीज कोरोना पाजिटीव नहीं पाया गया है।
जिला स्तरीय रैपिड रैस्पांस टीम का गठन
जिला प्रशासन से प्राप्त निर्देशानुसार जिला स्तरीय रैपिड रैस्पांस टीम का गठन किया गया है। इस टीम के अंतर्गत 16 सब रैपिड रैस्पांस टीम कार्यरत हैं जो दूरभाष पर सूचना मिलते ही मरीज के घर पहुंचकर उनकी जांच एवं उपचार का कार्य कर रही है। प्रत्येक टीम दिन में न्यूनतम 100 घरों का भ्रमण कर रही है। इस टीम में चिकित्सक के साथ एमपीएस, एलएचवी, एएनएम और अन्य पैरामेडिकल अमला पूरी मुस्तैदी से सेवाऐं प्रदान कर रहा है।
टीम के सदस्यों का दिए सुरक्षा किट
उल्लेखनीय है कि टीम के सदस्यों को सुरक्षा किट उपलब्ध कराए गए हैं ताकि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से सुरक्षा मिल सके। इसके अतिरिक्त जिले में तीन मोबाईल मेडिकल यूनिट भी कार्य कर रही हैं। राज्य स्तर से प्रतिदिन विदेशों से आने वाले लोगों की सूची प्राप्त हो रही है। इस सूची के आधार पर विदेशों से आए लोगों के घरों पर स्टिकर चस्पा किए जा रहे हैं ताकि इनके घरों में आसपास के लोग ना आ सकें और संक्रमण का फैलाव ना हो सके। ऐसे लागों को अपने घरों में ही 14 दिन होम आईसोलेशन में रखा जा रहा है और इनकी नियमित मानिटरिंग की जा रही है। जिले में कोरोना प्रभावित राज्यों और जिलों से आने वाले लोगों को भी होम आईसोलेशन में रखा जा रहा है।
प्रशिक्षण देकर लगाई ड्यूटी
रतलाम के मेडिकल कालेज और जिला चिकित्सालय सहित पर्याप्त चिकित्सकों पैरामेडिकल स्टाफ आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कर ड्यूटी लगाई गई है और इनका प्रशिक्षण संपन्न किया गया है। जिला चिकित्सालय रतलाम के चिकित्सकों द्वारा ओपीडी में मरीजों की जांच उवं उपचार किया जा रहा है। जिले के पांच निजी अस्पतालों में चार-चार पलंग रिजर्व कर आईसोलेशन वार्ड के रूप में चिन्हित किए गए हैं। कोरोना के संदिग्ध मरीजों को लाने तथा ले जाने के लिए एंबुलेंस निर्धारित कर ली गई है।
वाहनों ने की सेवा प्रदायगी प्रारंभ
जिले में वर्तमान में संचालित ग्यारह 108 एंबुलेंसो और 15 जननी वाहनों का उपयोग भी इस कार्य के लिए किया जाना सुनिश्चित किया गया है। जिले में कार्यरत तीन दीनदयाल चलित अस्पताल जावरा, सैलाना एवं बाजना को भी कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों का जांच एवं उपचार करने के लिए निर्देशित किया गया है और इन वाहनों ने सेवा प्रदायगी प्रारंभ कर दी है।
आवश्यक चिकित्सीय सहायता
शासकीय अस्पतालों में निर्धारित प्रोटोकाल अनुसार इन्फेक्शन प्रिवेंशन की गतिविधियों का संचालन कर इनकी मानिटरिंग की जा रही है। जिले के दो सिविल हास्पिटल जावरा, आलोट और पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों नामली, ताल, बाजना, सैलाना, खारवाकलां में भी आईसोलेशन वार्ड के लिए स्थान निर्धारित कर बेड आरक्षित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि प्राथमिकता के आधार पर मेडिकल कालेज में ही मरीजों को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाएगा किंतु आवश्यकता पडने पर ही ब्लाक स्तरीय अथवा निजी चिकित्सालयों का उपयोग किया जाएगा। निजी चिकित्सालय के चिकित्सक भी कोरोना से लडने के लिए हरसंभव सहायता कर रहे हैं। निजी चिकित्सको के भी दल का गठन कर आवश्यक चिकित्सीय सहायता प्रदान की जा रही है।
कर्मचारियों हो रही स्क्रीनिंग
ज्ञातव्य हो कि निजी चिकित्सालयों में मरीजों को लाने संबंधी माकड्रिल संपन्न कर ली गई है तथा मेडिकल कालेज के चिकित्सकों द्वारा निजी अस्पताल के लेब टेक्नीशियन को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। जिले के सभी सीमा क्षेत्रो पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जहां लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।