तीन हत्यारे युवा मरते दम तक रहेंगे जेल में, 12 महीने में फैसला
🔲 सामूहिक दुष्कर्म कर की थी मासूम की हत्या
🔲 तीनों आरोपी हैं 20 साल के
हरमुद्दा
रतलाम, 8 अक्टूबर। तीन युवा हत्यारे अब मरते दम तक जेल में रहेंगे। तीनों ने सामूहिक दुष्कर्म कर मासूम को मौत के घाट उतार दिया था। 12 महीने में यह फैसला विशेष न्यालयाधीश लैंगिक अपराध योगेन्द्र कुमार त्यागी ने शुक्रवार को सुनाया। सभी आरोपी गुजरपाडा थाना बिलपांक के रहने वाले हैं। विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट गौतम परमार ने पैरवी की।
यह है आरोपी
🔲 कालु पिता चेनसिंह निनामा निनामा उम्र 20 वर्ष
🔲 दीपला उर्फ दिपक पिता नाहरसिंह निनामा उम्र 20 वर्ष
🔲 रवि गुंगा पिता रामसिंह उम्र 20 वर्ष
चाय शक्कर तंबाकू अन्य सामान लेने गई थी मासूम
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने हरमुद्दा को बताया कि 05 सितंबर 2020 को शाम 07 बजे थाना बिलपांक अंतर्गत निवासी 13 वर्षीय मासूम बालिका अपने घर से पास ही स्थित किराने की दुकान पर शक्कर चाय पत्ती व अन्य सामान लेने गई थी, जो वापस घर नहीं आई। उसके परिवार व रिश्तेदारो ने गांव में तलाश की तो वह नहीं मिली, लेकिन किराने की दुकान पर से घर आने वाले रास्ते पर खण्डरनुमा एक घर के पास मासूम की चप्पल व शक्कर ढुली हुई व साबून, तम्बांकु, चायपत्ति पडी हुई मिली।
पुलिस ने भी की मासूम की तलाश पर नहीं मिली
सूचना पर डॉयल 100 पुलिस भी मौके पर आई थी व परिजनों के साथ पुलिस ने भी मासूम की तलाश की परंतु वह नहीं मिली। परिजनों द्वारा अभियोक्त्री को ढुंढने के पश्चात उसके नहीं मिली।
मासूम के छोटे भाई को आरोपी दे गए रुपए और कहा कि बहन को ढूंढ लेना
गांव के कालु, दीपला उर्फ दीपक एवं रवि गूंगा उनके पास आये और कालू ने 1000 रुपए मासूम के छोटे भाई को दिये और कहा कि तेरी बहन को ढूंढ लेना और वहां से चले गये। उक्त तीनों शाम चार बजे से ही मासूम के घर के पास बैठ कर शराब पी रहे थे और धमाल कर रहे थे।
अगले दिन खेत में मिला मासूम का शव
6 सितंबर को सुबह परिजनों ने मासूम को गांव के आस-पास के खेतों में तलाश किया तो मक्के के खेत में उसका शव अर्धनग्न अवस्था में मिला। मौके पर पुलिस आई तब पुलिस ने बारिकी से मौके पर जांच की।
ताऊ के लड़के ने सुराग
मासूम के ताउ के लडके के द्वारा घटना बताने पर तीनों आरोपी के विरूद्ध अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या करने और शव कोे छूपाने की धाराओं मे रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया।
तीनों को गिरफ्तार कर की कड़ाई से पूछताछ
अनुसंधान अधिकारी उपनिरीक्षक सपना राठौर एवं तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक ब्रजेश मिश्रा द्वारा तीनो आरोपी को 7 सितंबर 2020 को गिरफ्तार कर उनसे कडाई से पूछताछ की गई तो सभी बात उगल दी। अनुसंधान पूर्ण होने के पश्चात अभियोग पत्र 9 अक्टूबर 2020 को तीनो अभियुक्तो के विरूद्ध धारा 201, 302, 363, 376डीए भादवि तथा 5(जी)/6 लैगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम, 2012 विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
23 साक्षियों से दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य को करवाए प्रमाणित
प्रकरण में कुल 23 साक्षियों को घटना के समर्थन में परिक्षित करवाते हुये उनसे संबधित दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य को प्रमाणित करवाए।
मृत्युदंड से दण्डित करने का रखा तर्क
अंतिम तर्क प्रस्तुत कर विशेष लोक अभियोजक श्रीमती परमार ने न्यायालय से निवेदन किया गया कि आरोपियों द्वारा मासूम के साथ जघन्य तरीके से घटना की गई है जो कृत्य विरल से विरलतम श्रेणी का होकर इन्हे मृत्युदंड से दण्डित किया जाए।
न्यायाधीश ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
न्यायाधीश श्री त्यागी ने तीनों आरोपियों को सामूहिक दुष्कर्म करने व हत्या कारित करने का दोषी मानते हुए धारा 302/34 भा.द.वि.,376 डीए भा.द.वि.एवं 5जी/6 पॉक्सो एक्ट में क्रमशः आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) व 5000-5000 रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 366 भा.द.वि. में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000 रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 201 भा.द.वि.में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।