कोर्ट का फैसला : लहसुन चोर तीन को सुनाई 2 साल की कठोर सजा, जुर्माना भी लगाया

 मां के उपचार के लिए फरियादी गया था बाहर

हरमुद्दा
रतलाम/जावरा, 4 मार्च। शटर तोड़कर 9 माह पहले लहसुन चुराने वाले तीन आरोपियों को कोर्ट ने 2 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया। चोरों को पकड़ने में सीसीटीवी फुटेज की मदद मिली वही मुखबिर की सूचना पर आरोपियों तक पुलिस पहुंच पाई और प्रकरण कोर्ट में प्रस्तुत किया।

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जावरा, जिला रतलाम रोहित शर्मा ने आरोपी राहुल पिता रमेश गायरी, उम्र-24 वर्ष, नि ग्राम दलोढ थाना सालंमगढ राजस्थान, लखन पिता जितेन्द्र गिरी, उम्र-22 वर्ष नि. सुखेडा और समरथ पिता प्रेमगिरी उम्र 45 साल नि. खारोठ थाना प्रतापगढ राजस्थान दो 2 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। पैरवी  सहायक जिला अभियोजन अधिकारी भूपेन्द्र कुमार सांगते ने की। फरियादी अतुल पिता गोपाल सोलंकी उम्र 43 साल निवासी सुखेडा जावरा ने पुलिस को रिपोर्ट लिखाई थी कि 28 मई 2021 को अज्ञात द्वारा शटर तोड़कर लहसुन चोरी कर ली गई। पुलिस ने धारा 457, 380 भादवि में प्रकरण दर्ज किया गया।
                        

मां के इलाज के लिए गया था मंदसौर

पूर्व मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि फरियादी अतुल पिता गोपाल सोलंकी, उसके भाई दीपक सोलंकी व दोस्त हेमन्त शर्मा के साथ चौकी सुखेडा पर सूचना दी कि 2 महीने पहले 45 बोरी लहसुन दुकान में रखी थी। हर एक बोरी में 75 किलो लहसुन थी। मां के उपचार के लिए चार-पांच दिन से मंदसौर में था आया तो देखा कि दुकान की शटर काट कर कोई लहसुन की 35 बोरी ले गया। दुकान में केवल 10 बोरी ही बची थी। लहसुन की कुल कीमत करीब 1,75,000 रुपए है। लहसून के प्रत्येक बोरे पर काले रंग के मार्कर से अतुल सोलंकी सुखेड़ा लिखा है।

सीसीटीवी फुटेज से मिले सुराग

घटनास्थल के सामने किराने की दुकान में लगे सीसीटीवी फूटेज का अवलोकन करने पर एक सफेद रंग की पिकअप जो कि घटना स्थल पर नजर आई। उसके पीछे कुछ बोरे दिखाई दिए जिसकी दिशा के अनुसार अगला फूटेज भचुन्डा राजस्थान के किराना दुकान पर उक्त पिकअप दिखाई दिया जो पिकअप अरनोद की ओर जाते हुए नजर आई।

गिरफ्तार कर आरोपों से जब्त की लहसुन

विवेचना के दौरान पुलिस को मुखवीर द्वारा सूचना पर पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ कर आरोपियों से लहसून जब्त की। अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र धारा 457, 380 भादवि में न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। न्यायाधीश ने धारा 457 भादवि में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 380 भादवि में 6-6 माह का सश्रम कारावास व 1000 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

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