मुद्दे की बात : समस्या का नहीं हो रहा समय पर समाधान, अधिकारी कर रहे हैं सरेआम धूम्रपान, एफ आई आर के साथ मुकदमा चलाने का है प्रावधान
⚫ सोमवार को बाइक सहित युवक गिरा चौमुखी पुल के नाले में
⚫ रात को व्यापारियों ने सिटी इंजीनियर को मौके पर बताई थी समस्या, अधिकारी लगाते रहे कश पे कश
⚫ आमजन के सामने ही सिटी इंजीनियर झल्लाकर हुए आक्रोशित
⚫ पूरे दिन वीडियो वायरल होता रहा लेकिन जिम्मेदारों ने नहीं की कार्रवाई
हरमुद्दा
रतलाम, 20 जून। 40 दिन के बाद भी घास बाजार से चौमुखी पुल तक की सड़क नहीं बनने से क्षेत्र के लोग नाराज हुए और रात को सिटी इंजीनियर जीके जायसवाल को समय पर कार्य नहीं होने से उत्पन्न समस्या बताई। समय पर काम करने की नसीहत दी तो उन पर कोई असर नहीं हुआ और वे कश पे कश लगाते रहे। आमजन और व्यापारी वर्ग पर झल्लाते हुए अपना आक्रोश भी व्यक्त किया। सोमवार को दोपहर में खुले नाले में व्यक्ति बाइक सहित भी गिर गया। यह तो गनीमत रही कि वह बच गया। सोमवार को अधिकारी का वीडियो वायरल होता रहा, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि ऐसे मामलों में एफ आई आर सहित मुकदमा चलाने तक का प्रावधान है।
लगता है शहर के जिम्मेदार अधिकारी वर्ग आमजन की समस्या से कोई सरोकार नहीं रखते हैं। वह लेटलतीफी में ही विश्वास रखते हैं। घास बाजार से चौमुखी पुल तक का मार्ग 40 दिन के बावजूद नहीं बन सका है। नाला निर्माण नहीं हो पा रहा है। नाला खुला पड़ा हुआ है। बारिश सर पर है। इन्हीं सब बातों को लेकर बीती रात को व्यापारी वर्ग ने सिटी इंजीनियर जायसवाल को मौके पर समस्या बताई और अपना आक्रोश व्यक्त किया कि समय पर कार्य नहीं होने से क्षेत्र के लोगों के अलावा बाजार आने वाले जिले भर के लोग परेशान हैं लेकिन आप समय पर कार्य नहीं करते हैं। व्यापारी वर्ग बोलते रहे और सिटी इंजीनियर जायसवाल सिगरेट के कश पे कश लगाते रहे। उन्हें कोई असर नहीं हुआ। कुछ समय पश्चात में झल्लाते हुए आक्रोशित भी हुए।
रात को बताई थी समस्या और सुबह हो गई घटना
मुद्दे की बात यह भी है कि आमजन की चिंता करते हुए व्यापारियों ने बताया था कि यदि कोई घटना दुर्घटना हो गई तो कौन जिम्मेदार रहेगा। लेटलतीफी के कारण सभी लोग परेशान हो रहे हैं और सोमवार को एक व्यक्ति बाइक सहित नाले में गिर गया। तत्काल लोगों ने व्यक्ति को बाहर निकाला, तत्पश्चात बाइक को भी बाहर निकाला। यह तो गनीमत रही कि व्यक्ति सही सलामत रहा। उसे मामूली चोट आई वरना कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना हरकत का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।
सोशल मीडिया पर दिनभर वीडियो हुआ वायरल
रविवार की रात को जो भी घटनाक्रम हुआ उसका वीडियो सोशल मीडिया पर सोमवार दिन दिन भर चलता रहा बावजूद इसके नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
सभी के लिए प्रतिबंध
धूम्रपान निषेध का यह कानून जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में लागू किया गया। 2004 में शिक्षण संस्थानों के सौ गज के अंदर सिगरेट की बिक्री पर रोक भी लगाई गई। 2 अक्टूबर 2008 को एक नया कानून आया। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध कानून। सीओटीपीए और 2008 के कानून के साथ सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर कानूनी रूप से रोक लगा दी गई।
धूम्रपान पर जुर्माना वसूलने के लिए भी विशेष नियम, होती है एफआईआर भी
पुलिस कॉन्सटेबल तभी जुर्माना वसूल सकते हैं, जब उनके साथ इंस्पेक्टर से बड़े स्तर का अधिकारी हो। राज्य के फूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिसर, डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सोसायटी के अधिकारी, पंचायत राज संस्थानों के प्रतिनिधि, चीफ मेडिकल ऑफिसर आदि को भी कुछ क्षेत्र में जुर्माना लगाने का अधिकार है। साथ ही लोगों को अधिकार है कि जुर्माना लगने पर वे चालान की कॉपी की मांग कर सकते हैं। पहले धूम्रपान को बहुत ही छोटा मामला समझा जाता था और उस पर एफआईआर दर्ज नहीं होती थी। अब पुलिस के बड़े अधिकारी सीओटीपीए के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर रहे है। इन पर मुकदमा भी चलेगा। कानून बनने के बाद भी पुलिस इस तरह के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं करती थी। एक तो उचित पुलिस बल की संख्या नहीं थी। दूसरा, जनता इस तरह की समस्या को नहीं उठाती थी। अब पुलिस कार्रवाई कर रही है।
होती है अनुशासनात्मक कार्रवाई
सार्वजनिक स्थानों पर आमजन द्वारा धूम्रपान करने पर जुर्माने का प्रावधान हैं। वहीं शासकीय सेवक जब ऐसा करता है तो विभागीय कार्रवाई होती है। अनुशासनात्मक दंड दिया जाता है। दंड छोटा और बड़ा दोनों प्रकार का होता है। यहां तक कि वेतन वृद्धि तक रोकने की कार्रवाई होती है। इसके अलावा एफआईआर भी होती है और मुकदमा भी चलता है।
⚫ सुनील पारिख, अभिभाषक
जांच कर होगी कार्रवाई
चुनावी कार्य की व्यस्तता के चलते नगर निगम के सिटी इंजीनियर द्वारा सार्वजनिक स्थल पर आमजन की समस्या का झल्लाते हुए जवाब देना और सिगरेट पीने जैसे मुद्दे पर जांच की जाएगी। तत्पश्चात कार्रवाई होगी।
⚫ नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक, रतलाम