बच्‍चों में कृमि संक्रमण : राष्‍ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 13 सितंबर को, सेहत सुधारने के होंगे आयोजन, स्वच्छता की दी जाएगी सीख

⚫ 5 लाख 81 हजार 502 बच्‍चों को एल्‍बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्‍य निर्धारित

हरमुद्दा
रतलाम, 12 सितंबर। राष्‍ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन वर्ष में एक बार किया जाता है जिसमें समस्‍त विद्यालयों एवं आंगनवाडी केंद्रों के माध्‍यम से 1 से 19 वर्ष के बच्‍चों, किशोर किशोरियों को एल्‍बेडाजोल 400 एमजी की गोली का सेवन कराया जाएगा। लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए 13 सितंबर को कृमि मुक्ति दिवस एवं 16 सितंबर को (मॉपअप दिवस) छूटने वाले बच्‍चों को गोली का सेवन कराया जाएगा। इसके साथ ही लोगों को स्वच्छता की सीख दी जाएगी और सेहत सुधारने के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा।

उल्‍लेखनीय है कि बच्‍चों में कृमि संक्रमण व्‍यक्तिगत अस्‍वच्‍छता एवं संक्रमित दूषित मिटटी के संपर्क में आने से संभावित  होता है। कृमि संक्रमण से जहॉ एक ओर शारिरीक एवं बौद्विक विकास बाधित होता है वहीं दूसरी ओर उनमें खून की कमी व पोषण स्‍तर पर दुष्‍प्रभाव परिलक्षित हाता है । अत: डब्‍ल्‍यूएचओ अनुसार 1 से 19 वर्ष के बच्‍चों में कृमिनाशन एक साक्ष्‍य आधारित सकारात्‍मक  गतिविधि है।

उम्र के अनुसार तय होती है दवाई की मात्रा

⚫  1 से 2 वर्ष के बच्‍चों को एल्‍बेडाजोल 400 एमजी की आधी गोली चूरा करके पीने का साफ पानी के साथ।

⚫ 2 से 5 वर्ष के बच्‍चों को एल्‍बेडाजोल 400 एमजी की पूरी गोली चूरा करके पीने के साफ पानी के साथ।

⚫ 5 से 19 वर्ष के बच्‍चों को एल्‍बेडाजोल 400 एमजी की पूरी गोली चबाकर पीने का साफ पानी के साथ स्‍कूलों और आंगनवाडी केंद्रों , छात्रावासों तथा मदरसों में खिलाई जाएगी।

स्वच्छता का रखें ध्यान, बीमारी का होगा स्वयं निदान : डॉक्टर कुरील

प्रभारी सीएमएचओ डॉ. वर्षा कुरील ने हरमुद्दा बताया कि बच्‍चों में कृमि संक्रमण के कारण खून की कमी कुपोषण कमजोरी थकावट एवं बीमारियों की आशंका रहती है। बच्‍चों में कृमि नियंत्रण से लाभ होता है जिनमें अनीमिया नियंत्रण, रोग प्रतिरक्षा में सुधार, पौष्टिकता बढना,  समुदाय में कृमि संक्रमण को कम करने में मदद, स्‍कूल आंगनवाडी में एकाग्रता एवं उपस्थिति में सुधार, कार्यक्षमता में सुधार आदि मुख्‍य हैं। कृमि संक्रमण से बचने के लिए नाखून साफ एवं छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिऐं,  अपने हाथ साबुन से धोंएं विशेषकर खाना खाने से पहले और शौच जाने के बाद, साफ पानी से फल और सब्जियों को धोएं, खाने को हमेशा ढंक कर रखें, खुले में शौच ना करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, आसपास सफाई रखें, पैरों में जूते/ चप्‍पल पहनें।

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