मेरा विद्यालय मेरी पहचान: मेरा स्कूल बच्चों के लिए एक आनंद घर, जहां वह खेलते, भय मुक्त शिक्षा लेते, प्रकृति के सान्निध्य में देखकर सीखते
⚫ मेरे विद्यालय की आनंद यात्रा
मैं देवेंद्र वाघेला शिक्षा के क्षेत्र में 1996 से कदम रखा। माध्यमिक शिक्षक एकीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय घोड़ा पल्ला शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिवगढ़ तहसील सैलाना जिला रतलाम मध्य प्रदेश में कार्यरत। चलिए मैं ले चलता हूं मेरे विद्यालय की आनंद यात्रा पर।
हरमुद्दा
रतलाम, 28 दिसंबर। मेरा स्कूल बच्चों के लिए एक आनंद घर है। जहां वह खेलते हैं। भय मुक्त शिक्षा लेते हैं। प्रकृति के सान्निध्य में देखकर सीखते हैं। हंसी-खुशी जिज्ञासा के साथ पढ़ते हैं। अच्छे परिणाम देते हैं। आनंद घर में बच्चे हर संभव प्रयास करते हैं। पढ़ाई के लिए, शारीरिक विकास के लिए, खेलकूद स्काउट निरंतर गतिविधियां रचनात्मक कार्यक्रम बच्चों का सर्वांगीण विकास भी इसी के माध्यम से होता है।
बच्चों की पढ़ाई की स्थिति काफी अच्छी है। गणित अंग्रेजी का जो भय है उसके लिए विशेष प्रयास करके उन्हें पारंगत किया जा रहा है। नवाचार, शोध, प्रयोग शिक्षक मैं देवेंद्र वाघेला कर रहा हूं। आनंद घर के साथ शिक्षा दी जा रही है। खेल खेल में शिक्षा दी जाती है। सभी शिक्षको के नियमित मेरे प्रयास से रचनात्मक गतिविधियों स्पोर्ट्स, स्कूल बैग, स्टेशनरी, स्वेटर प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाते हैं, जिसमें सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया आता है।
बच्चों को सिखाने के लिए कई माध्यमों का उपयोग
विद्यालय में अध्यापन कार्य अच्छा होने से उपस्थिति अच्छी रहती है। बच्चों को सिखाने के लिए कई माध्यमों का उपयोग किया जाता है। किताबी ज्ञान के अलावा अध्यापन कार्य के लिए प्रकृति के साथ मिलकर अध्यापन किया जाता है। जिससे बच्चे अच्छा सीखते हैं। कक्षा पांचवी आठवीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम भी बेहतर रहा है। बच्चे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए व कन्या शिक्षा परिसर में बालिकाओं को भर्ती करवाया। आगे अध्ययन कर रही है। जो विषय कठिन होता है, उसमें विशेष प्रयास किए जाते हैं। उनके लिए अलग से कक्षाए लगाए जाती हैं। बच्चे रुचि लेकर विद्यालय आते हैं। विद्यालय में आनंद घर बनाने से शिक्षा में निरंतर सुधार हो रहा है।
श्रेष्ठ काम करने से बनती पहचान
समुदाय से सहयोग मिल रहा है। पालको व जनप्रतिनिधि से अपनी समस्या बताते हैं। बच्चों के नियमित उपस्थिति के लिए सभी का सहयोग लेते हैं। श्रेष्ठ काम करने से पहचान बनती है। काम करते हैं जिज्ञासा रहती है। सीखते हैं। सिखाते है। सभी को साथ में लेकर अच्छा से अच्छा कार्य करते हैं। शाला में अन्य कार्य जानकारी आदि के लिए सभी कार्यों के लिए प्रभारी बनाए गए हैं।
हर संभव मदद
बाल कैबिनेट और शाला प्रबंधन समिति का अच्छा सहयोग मिलता है। घोड़ा पल्ला स्कूल को आनंद घर बनाने से विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ रही है। बच्चों से शैक्षिक संवाद किया जाता है। शिक्षा में बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद की जाती है मार्गदर्शन दिया जाता है। घोड़ापल्ला स्कूल को नवाचार के रूप में दीवारों पर शिक्षा पर पेंटिंग करवाई गई है। पौधे लगाए गए हैं। बच्चों को प्रोत्साहन व हर संभव मदद की जाती है, ताकि वह अच्छी पढ़ाई कर सके उन्हें उत्साह में पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है और जिज्ञासा उनकी शांत की जाती है। बच्चे भी पढ़ाई के साथ खेलकूद चित्रकला स्काउट व अन्य गतिविधियों से बहुत खुश हैं।
मुझे अपने कार्य पर गर्व
मेरा विद्यालय मेरी पहचान है। मैं देवेंद्र वाघेला माध्यमिक शिक्षक निरंतर बच्चों के लिए प्रयास करता रहूंगा। काम करता रहूंगा। प्रयोग नवाचार शोध के माध्यम से बच्चों को सुविधा देता रहूंगा। हर संभव प्रयास करूंगा कि बच्चे सर्वोत्तम परीक्षा परिणाम दे। हर क्षेत्र में आगे बढ़े स्काउट, स्पोर्ट्स और अन्य गतिविधियों में भी उन्हें अच्छे परिणाम मिले। मुझे अपने कार्य पर गर्व है। मेरा विद्यालय आनंद घर बने और उस के माध्यम से बच्चे अच्छी पढ़ाई करें। आनंद में पढ़ाई करें। उत्साह में पढ़ाई करें और अपने लक्ष्य पर पहुंचे यही इच्छा है।