धर्म संस्कृति : भगवान महावीर के अहिंसा दर्शन को दुनिया में फैलाने का संकल्प, चल समारोह निकला, चहुंओर जय महावीर की गूंज
⚫ 2622 वें जन्म कल्याणक महोत्सव में किया गुणानुवाद
⚫ सकल जैन श्रीसंघ के स्वामी वात्सल्य में अपार जनसमूह
हरमुद्दा
रतलाम, 04 अप्रैल। भगवान महावीर के 2622 वें जन्म कल्याणक महोत्सव में समाजजनों ने उनके अहिंसा दर्शन को दुनिया में फैलाने का संकल्प लिया। श्री सकल जैन श्रीसंघ द्वारा जैन स्कूल में साध्वीश्री शीलरेखा श्रीजी की निश्रा में आयोजित धर्मसभा में वक्ताओं ने गुणानुवाद करते हुए कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत ही दुनिया में शांति ला सकते है। इस मौके पर विशाल स्वामीवात्सल्य हुआ। उससे पूर्व सकल समाज का चैमुखीपुल से जुलुस निकला, जिसमें चहुंओर जय महावीर-जय महावीर की गूंज हुई।
मंगलाचरण से शुरुआत
धर्मसभा का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ। सकल जैनश्री संघ के संचालक सदस्य ललित कोठारी, राजेन्द्र खाबिया, प्रकाश मुणत, निर्मल लुनिया, जयंत बोहरा, महेन्द्र चाणोदिया, सुशील छाजेड़, अभय पोरवाल, ओम अग्रवाल एवं राजेश सुराना ने मार्गदर्शकगण एवं समाज प्रमुखों अभय लुनिया, सुदर्शन पिरोदिया, अशोक चतुर, राजेन्द्र लुणावत, मनसुख चोपडा सहित अनोखीलाल कटारिया आदि का स्वागत किया। स्वामी वात्सल्य में संघ ने गोकुलजी महाराज एवं सेवकगण का सम्मान किया। संचालन प्रकाश मूणत एवं जयंत बोहरा द्वारा किया गया।
यह सभी संघ थे मौजूद
इस अवसर पर श्री गुजराती उपाश्रय, श्री साधुमार्गी जैन श्रीसंघ, श्री धर्मदास जैन श्रीसंघ,श्री आराधना भवन ट्रस्ट, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीम चैक, श्री तेरापंथ महासभा, श्री त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ, श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ, श्री ज्ञानगच्छ श्रीसंघ, श्री शांत कांत जैन श्रीसंघ, श्री पार्श्वनाथ जैन मित्र मंडल, श्री सज्जन मिल क्षेत्र श्रीसंघ, श्री दिगम्बर बीस घर गोठ, श्री दिगम्बर साठ घर गोठ, श्री दिगम्बर स्टेशन श्रीसंघ, श्री दिगम्बर हुम्मड समाज, श्री दिगम्बर जैन नरसिंहपुरा, एवं श्री सुधर्मा जैन सेवा संघ के सदस्यगण उपस्थित रहे।
रतलाम के लिए आज का दिन बहुत सौभाग्यशाली
भगवान महावीर ने जन्म लेने के बाद माता-पिता की सेवा आदर्श प्रस्तुत किया। बाद में उन्होंने बडे भाई को पिता समान मानकर सेवा की और लगातार आदर्श प्रस्तुत करते रहे। रतलाम के लिए आज का दिन बहुत सौभाग्यशाली है, क्योंकि समाजजनों ने एकजुट होकर प्रभु महावीर के शासन की प्रभावना की है। साध्वीश्री ने भगवान महावीर के पांच सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन सिद्धांतों के कारण महावीर आज भी सर्वत्र प्रासंगिक है।
⚫ साध्वीश्री शीलरेखा श्रीजी, आचार्यश्री सागरानन्दसुरीजी के समुदायवर्तनी
महान पर्व समाज की एकता का प्रतीक
महावीर जयंती का महान पर्व समाज की एकता का प्रतीक है। इसे वर्षों से मिलजुलकर मनाया जा रहा है। प्रभु महावीर ने जीयो और जीने दो का जो संदेश दिया है, उस पर यदि अमल किया जाए, तो पूरी दुनिया की समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
⚫ हिम्मत कोठारी, पूर्व मंत्री एवं श्री सकल जैन श्रीसंघ के मार्गदर्शक
जन्म कल्याणक महोत्सव रतलाम में सामाजिक एकता का पर्व
भगवान महावीर के संदेश सर्वकालिक है। यूक्रेन युद्ध से दुनिया में जो अशांति है, उसे दूर करने के लिए अहिंसा के जरिए शांति का संदेश दिया जा सकता हैं। जन्म कल्याणक महोत्सव रतलाम में सामाजिक एकता का पर्व है, इस पर सबकों भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए।
⚫ चेतन्य काश्यप, शहर विधायक एवं श्री सकल जैन श्रीसंघ के मार्गदर्शक