…तो चला कार्रवाई का डंडा : बुजुर्ग की मौत पर दूसरे दिन शव रखकर किया प्रदर्शन, तब जाकर अतिक्रमण पर चला पंजा, दो पुलिस कर्मचारी निलंबित
⚫ आरोपी जनपद उपाध्यक्ष अभी भी फरार
⚫ मामला बुजुर्ग गवाह की मौत का
हरमुद्दा
पिपलोदा/ रतलाम, 4 फरवरी। बुजुर्ग गवाह की मौत के बाद रविवार को भी आरोपी के घर के आगे शव रखकर प्रदर्शन किया। जानकारी मिलते ही जावरा एसडीम सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा। आक्रोशितों की मांग पर आरोपियों के जहां अतिक्रमण तोड़े गए, वहीं पिपलौदा थाना प्रभारी और जांच अधिकारी को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया। कार्रवाई का डंडा चलने पर आक्रोश कुछ शांत हुआ और बुजुर्ग नाथूलाल चौधरी ( 77)का अंतिम संस्कार किया गया।
उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी 2024 को हुए हमले के बाद गंभीर घायल नाथू लाल जाट की शनिवार को मौत हो गई थी। तत्पश्चात परिजन सहित समाज जन आक्रोशित हुए और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। आश्वासन के बाद रतलाम से चले गए मगर मामला इतने से भी शांत नहीं हुआ तो रविवार को अंतिम संस्कार के पहले आरोपियों के मकान तोड़ने और लापरवाह पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग को लेकर आरोपी के घर के बाहर शव कर प्रदर्शन किया।
सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अफसर पहुंचे मौके पर
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसडीएम अनिल भाना, एसडीओपी शक्ति सिंह चौहान मौके पर पहुंचे और मामले को शांत करवाने का प्रयास किया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इस दौरान जेसीबी के माध्यम से आरोपियों के अतिक्रमण को तोड़ा गया।
जनपद उपाध्यक्ष को गिरफ्तार करने की हुई मांग
लोगों का यही आक्रोश था कि जब तक जनपद उपाध्यक्ष सुरेश जाट को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वह शांत नहीं बैठेंगे। पुलिस कर्मियों की लापरवाही के कारण ही आरोपियों के हौसले बुलंद हुए और उन्होंने बुजुर्ग गवाह को मौत के घाट उतार दिया।
एसपी ने किया दो को निलंबित
पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पिपलोदा के थाना प्रभारी विक्रम सिंह चौहान और जाँच अधिकारी एस आई केएल दायमा को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है। वही भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अतिक्रमण को तोड़ा गया। तत्पश्चात आक्रोशित लोग माने और बुजुर्ग नाथू लाल का अंतिम संस्कार किया गया। ज्ञातव्य है कि मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फरार सुरेश जाट की तलाश की जा रही है।
यह था मामला
उल्लेखनीय की अगस्त 2022 में तेजा दशमी उत्सव के दौरान जब जुलूस निकल रहा था तब नाथूलाल के बेटे धर्मेंद्र और जुलूस पर हमला किया गया था जिसके मुख्य गवाह नाथूलाल चौधरी थे और उनकी गवाही 25 जनवरी 2024 को होना थी। ठीक एक दिन पहले जब बुजुर्ग नाथूलाल खेत की तरफ जा रहे थे, तब करीब एक दर्जन महिला पुरुषों ने हमला करके अधमरा कर दिया था। बुजुर्ग का उपचार रतलाम मेडिकल कॉलेज में चल रहा था, जहां 11वें दिन 3 फरवरी शनिवार को उनकी मौत हो गई।