सामाजिक सरोकार : “तिलक लगाऊं… हार पहनाऊँ… पूजन करूं… मैं माता पिता का…निज संस्कृति अपनाऊं मैं…गुरुवर के संकेत पर चलकर जीवन सफल बनाऊं मैं”…

श्री कालिका माता मंदिर परिसर में हुआ में माता पिता पूजन का जिला स्तरीय आयोजन

1000 बच्चे शामिल हुए आयोजन में

युवा सेवा संघ, योग वेदांत सेवा समिति और महिला कल्याण मंडल के बैनर तले आयोजन

हरमुद्दा
रतलाम, 12 फरवरी। तिलक लगाऊं…हार पहनाऊँ…पूजन करूं… मै माता पिता का…निज संस्कृति अपनाऊं मैं…गुरुवर के संकेत पर चलकर जीवन सफल बनाऊं मै…इसी पुनीत भाव के साथ कोई 1000 से अधिक बच्चों ने अपने अपने माता पिता का सामूहिक पूजन कर भावपूर्वक परिक्रमा की। अवसर था – श्री कालिका माता मन्दिर गरबा प्रांगण में निशुल्क  जिला स्तरीय मातृ पितृ पूजन दिवस कार्यक्रम पूर्णाहुति का।

14 फरवरी मातृ पितृ पूजन दिवस के उपलक्ष्य में युवा सेवा संघ, योग वेदांत सेवा समिति और महिला कल्याण मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय बच्चों के साथ रतलाम जिले के विभिन्न विकासखंडों से आये स्कूली विधार्थियों ने हिस्सा लिया। अपने तरह के इस अनूठे आयोजन में 10 साल के बच्चे से लेकर 73 वर्षीय पुत्र ने अपने माता पिता का विधिविधान के साथ पूजन किया। उन्होंने अपने अपने अभिभावकों का अक्षत, चावल और पुष्प से पूजन- परिक्रमा करते हुए  आरती कर चरण वन्दना की।  बड़े ही भाव विव्हल कर देने वाले इस कार्यक्रम में बच्चों का अहोभाव देखकर माता पिता का मन भर आया और भीगी आँखों से अपने लाल के मस्तक पर हाथ रखकर आयुष्मान भव..यशस्वी भव…का आशीर्वाद दिया।

पादुका यात्रा निकाल पूजन किया

कार्यक्रम में महापौर, ब्रह्मऋषि हेमंत कश्यप, महर्षि संजय शिवशंकर दवे, भागवताचार्य श्री राम मिलन शास्त्री, भागवताचार्य चेतन शर्मा, क्षेत्रीय पार्षद प्रतिनिधि राजेश माहेश्वरी, डॉ. एस के अय्यर, मुकेश व्यास संयोजक बजरंग दल रतलाम एवं समाजसेवी मदन सोनी अतिथि रहे। प्रवीण तोगड़िया, पंचेड़ आश्रम एवं  महावीर भाई, मांगल्य मंदिर मंचासिन रहे। प्रारंभ में भक्तो ने मातृ पितृ पूजन के प्रणेता संत श्री के पादुका यात्रा निकाल कर मंच पर चरण पादुका स्थापित की।

अब तक कोई पांच हजार से अधिक विधार्थी शामिल

संघ अध्यक्ष रुपेश सालवी ने स्वागत भाषण में जिला स्तरीय आयोजन की रिपोर्ट रखी। उन्होंने ने बताया की संपूर्ण पखवाडा चल रहे कार्यक्रम में अब तक कोई पांच हजार से अधिक विधार्थी शामिल हो चुके है । संचालन रविन्द्र जादौन व स्मृति चिन्ह सुदामा भाई ने भेंट किये । पूजन में सम्मिलित सभी को आयोजक संस्था ने उपहार स्वरूप नए साल का कलेंडर एवं सत्साहित्य दिया।

आशीर्वचन में सराहा अभिनव आयोजन

महापौर ने कहा धरती के देवता के माता पिता के पूजन का यह अभिनव कार्यक्रम अनूठा है । इसकी परिकल्पना के मूल में  मानव समाज हित समाहित है । भारतीय संस्कृति और संस्कारों से दूर होती नई पीढ़ी को फिर से अपनी मूलधारा से जोड़ने की दिशा ने यह पर्व मील का पत्त्थर साबित होगा ।  मुझे ये देखकर बहुत ख़ुशी होती है कि छोटे बड़े सभी अपने माता पिता का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है।

संस्कारित करना बेहद जरूरी

ब्रह्मर्षि हेमंत कश्यप  ने कहा देश के भविष्य को यदि सवारना है तो वर्तमान को संस्कारित करना बेहद आवश्यक है । पाश्चात्य संस्कृति के कारण हर घर परिवार में बड़ो के प्रति मान सम्मान का अभाव देखकर गुरुदेव ने समाज को मातृ पितृ पूजन कार्यक्रम की अभिनव सौगात दी । जो आज विश्व स्तरीय आयोजन बन चुका है । समाज में हर वर्ग के भावनात्मक रूप से जुड़ने के कारण इसके सुखद परिणाम आने लगे है । बच्चों के साथ बड़ों का उत्साह भी देखते ही बनता है।

भावपूर्ण आयोजन से भर आया मन

भागवताचार्य श्री शास्त्री  एवं श्री शर्मा ने कहा ऐसा भावपूर्ण पूजन देखकर मन भर आया। बच्चे कितने भाव से पूजन-परिक्रमा कर माँ बाप के गले लगते है और उनके दिल से निकले आशीर्वाद को पाते है । यही भाव उनमे बड़ों के प्रति सम्मान-सत्कार लाएगा।

यही सच्चा प्रेम दिवस

डॉ. अय्यर  ने कहा मैं अपने जीवन में कई कार्यक्रमों में शामिल हुआ लेकिन ऐसा आयोजन कभी नहीं देखा। युवा सेवा संघ को इस सफल कार्य्रकम के लिए साधुवाद देता हूँ। मेरा तो यह आह्वान है हर घर परिवार और आँगन में माता पिता का पूजन हो, यही सच्चा प्रेम दिवस है ।

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