पहली बार : लगभग 25 हजार ऐसे प्रकरणों का होगा समाधान जो नहीं पहुंचे न्यायालय
⚫ 24 फरवरी को होगा विशेष “समाधान आपके द्वार” शिविर का आयोजन
⚫ 70000 से अधिक प्रकरण हुए हैं चिह्नित
⚫ लगभग 25000 हुए हैं अब तक सूचीबद्ध
⚫ अधिकांश प्रकरण राजस्व विभाग के
हरमुद्दा
रतलाम, 21 फरवरी। पहली बार न्यायालय में “समाधान आपके द्वार” शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऐसे लगभग 25 प्रकरणों का निराकरण होगा जो न्यायालय में नहीं पहुंचे हैं। “समाधान आपके द्वार” शिविर का आयोजन 24 फरवरी को न्यायालय परिसर में ही किया जाएगा, जिसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। मैदानी अमले ने अब तक लगभग 70000 प्रकरणों को चिह्नित किया।
यह जानकारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश मोहन प्रधान ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी। एडीआर सेंटर में हुई पत्रकार वार्ता में कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश एवं समाधान आपके द्वार योजना के नोडल अधिकारी रामजी गुप्ता मौजूद थे। पत्रकार वार्ता के पहले श्री प्रधान में झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया। इस दौरान न्यायाधीश कृष्ण अग्रवाल, मनीष अनुरागी, जिला विधिक सहायता अधिकारी पूनम तिवारी, जगदीश दीक्षित, विजय शर्मा, सुनील शर्मा सहित अन्य मौजूद थे। श्री प्रधान ने बताया कि न्यायालय परिसर में 24 फरवरी को सुबह 10:30 से 5:30 तक शिविर का आयोजन किया जाएगा।
60% प्रकरण राजस्व विभाग के
श्री प्रधान ने बताया कि “समाधान आपके द्वार” शिविर में नगर निगम, वन, पुलिस, विद्युत राजस्व के प्रकरण है, जिसमें तकरीबन 60% प्रकरण राजस्व से संबंधित है। राजस्व के प्रकरणों में नक्शा, नक्शा दुरुस्ती, सीमांकन सहित अन्य प्रकार के प्रकरण हैं। यह सभी प्रकरण बीते 3 महीनों के ही हैं। जिसमें पक्ष ने थाने में आवेदन दिया है। इसके अलावा एफआईआर हो गई है मगर चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हो पाए हैं। ऐसे प्रकरण भी शामिल हैं। शिविर के लिए सभी चिह्नित प्रकरणों में पैरालीगल वॉलिंटियर्स दूरभाष और डोर टू डोर संपर्क कर पक्षकारों को निराकरण के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। समाधान आपके द्वार शिविर में लगभग 25000 प्रकरणों को रखने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
प्रकरणों के निराकरण के लिए दलों का गठन
प्रकरणों की निराकरण के लिए तीन स्तरीय दलों का गठन किया गया है। पहले दल में बीट गार्ड, कोटवार, पटवारी, आरक्षक प्रधान, आरक्षक, लाइनमैन, पैरालीगल वॉलिंटियर्स है। दूसरे दल में ग्राम न्यायाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी, उपखंड अधिकारी वन, उपखंड मजिस्ट्रेट, कनिष्ठ यंत्री विद्युत विभाग, जिला विधिक सहायता अधिकारी एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी शामिल है। तीसरे प्रकार के दल में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला अभियोजन अधिकारी हैं। पहले दल में तकरीबन 797 कर्मचारी हैं। वहीं दूसरे प्रकार के दल में 80 अधिकारी कर्मचारी हैं।
शेष प्रकरणों को रखेंगे नेशनल लोक अदालत में
श्री प्रधान ने बताया कि जिन प्रकरणों का निराकरण 24 फरवरी को नहीं हो पाएगा, ऐसे प्रकरणों को 9 मार्च को होने वाली नेशनल लोक अदालत में निराकृत कराया जाएगा।