फैसला : हत्या कर दुर्घटना दर्शाया मगर आरोपी को मिली आजीवन कारावास की मिली सजा

50 फीट दूर पड़ा था रेलवे ट्रैक पर मृतक का सर

हत्या का रेलवे पटरी पर फेंक दी थी युवक की लाश आरोपी ने

मृतक के थे आरोपी की पत्नी से संबंध

आरोपी की पत्नी चली गई थी मृतक के पास पहले

हरमुद्दा
रतलाम, 29 नवंबर। मृतक के आरोपी की पत्नी से संबंध होने की रंजिश को लेकर आरोपी हेमराज ने दयाभाई की हत्या कर दी। घटना को छुपाने के लिए लाश को रेलवे पटरी पर फेंक दी। हत्या के इस आरोप में न्यायाधीश निर्मल मंडोरिया ने तर्क और साक्ष के आधार पर आरोपी हेमराज को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई।

अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान

अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने बताया कि घटना 13 अक्टूबर 2018 की रात्रि में गस्त के दौरान सहायक उप निरीक्षक वीएस कुशवाहा को मोरवानी रेलवे मास्टर से सूचना प्राप्त हुई थी कि खंबा नंबर 642 /13 के पास कोई अज्ञात व्यक्ति ट्रेन से कटकर पड़ा है। सूचना पर घटनास्थल मोरवानी स्टेशन के पास पटरी पर खंबा नंबर 642/15 पर एक 40 वर्ष के अज्ञात व्यक्ति की सर कटी लाश मिली थी जिसका सर ट्रेन से कटने से 50 फीट दूर पड़ा हुआ था। मौके पर पुलिस द्वारा देहाती मार्ग इंटीमेशन धारा 174 दंड प्रक्रिया संहिता की दर्ज की थी।

मृतक की पहचान गुजरात के मोरबी निवासी दया भाई के रूप में

मर्ग जांच के दौरान 14 अक्टूबर 2018 को यह सूचना मिली थी की कि मृतक दया भाई की कार आरोपी हेमराज डामर के घर के पीछे पड़ी हुई है जिस पर पुलिस द्वारा मौके पर जाकर मृतक दया भाई की कार जप्त की थी। मृतक के परिजनों से तलाश करने पर यह पता चला था कि मृतक दया भाई 11 अक्टूबर 2018 को मजदूर लेने रतलाम गया है। मृतक दया भाई की पहचान उसके भाई दिनेश भाई व बच्चू भाई द्वारा की गई थी। पहचान के आधार पर मृतक दया भाई पिता राम सिंह भाई आयु 40 वर्ष निवासी -सरतापुर थाना बकानेर जिला मोरबी गुजरात का होना पाया गया था।

हत्या कर लाश फेंकी रेलवे पटरी पर

मर्ग जांच में प्रथम दृष्ट्या अज्ञात व्यक्ति द्वारा मृतक दया भाई की हत्या अज्ञात कारण से करके लाश को ट्रेन की पटरी पर हत्या छुपाने के नियत से फेंक दिया था, ताकि देखने वालों को लगे कि मृतक की मृत्यु ट्रेन से कटने से हुई होगी।

आरोपी की पत्नी चली गई थी मृतक के पास पहले

पुलिस थाना दीनदयाल नगर द्वारा अपराध क्रमांक 453 / 18  धारा 302 201 भा द वी में प्रथम सूचना लेख पंजीबद्ध की गई थी। विवेचना के दौरान आरोपी हेमराज पिता मांगू डामर निवासी मोरवानी को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर उसके द्वारा अपराध स्वीकार किया। विवेचना में यह तथ्य आए थे कि घटना के करीब 3 साल पहले आरोपी व उसकी पत्नी मजदूरी करने मोरबी गुजरात गए थे, वहां पर लेबर ठेकेदार दया भाई का मृतक की पत्नी से मेल जोड़ बढ़ गया था। आरोपी हेमराज को उक्त शंका होने पर वह वापस मोरवानी आ गया था । इसके दो-तीन महीने बाद आरोपी की पत्नी बिना बताए वापस मोरबी गुजरात चली गई थी जिसकी गुमशुदगी आरोपी द्वारा थाना दीनदयाल नगर रतलाम पर की थी।

2 महीने के बाद आई आरोपी की पत्नी

गुमशुदगी रिपोर्ट के 2 महीने पश्चात आरोपी की पत्नी वापस मोरवानी आ गई थी तथा आरोपी की पत्नी ने पुलिस को बताया था कि वह उसकी मर्जी से दया भाई ठेकेदार के साथ चली गई थी। वहां पर दया ठेकेदार के साथ रुकी थी। इसके बाद दया भाई ठेकेदार आरोपी के घर पर आने जाने लगा था घटना दिनांक की शाम को दया भाई ठेकेदार कार लेकर आरोपी के घर आया था एवं रात में खाना- पीना करने के बाद आरोपी हेमराज घर के बाहर खटिया पर सोया था तथा मृतक दया भाई वह आरोपी की पत्नी व बच्चा घर में सोए थे। रात में दया भाई ठेकेदार आरोपी के पास शराब के नशे में आया। उसकी पत्नी को वापस साथ ले जाने की बात पर झगड़ा करने लगा, तब रंजिशवश आरोपी ने दया भाई का मुंह दबाकर पास पड़ी ईट उठाकर मृतक की छाती पर मारी। बेहोशी की हालत में दयाभाई को कंधे पर उठाकर रेलवे पटरी पर ले जाकर चाकू से वारकर दया भाई की हत्या की। घटना छुपाने की नीयत से मृतक दया भाई की लाश को रेलवे पटरी पर फेंक दिया था।

अनुसंधान में पाया पहले हुई हत्या फिर फेंका ट्रैक पर

अनुसंधान के दौरान पुलिस ने घटना में प्रयुक्त आरोपी द्वारा घटना के समय पहने कपड़े, चाकू, मृतक के कपड़े, मोबाइल, नगदी रुपए तथा घटनास्थल से खून आलूदा मिट्टी वह अन्य आर्टिकल जप्त किए थे। डॉक्टर द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर में चाकू जैसी वस्तु से घोंपे हुए घाव पाए थे व सीने पर चोट मिली थी, डॉक्टर द्वारा पोस्टमार्टम में यह पाया था की मृतक को रेल से कटने की जो चोटे आई थी वह मृत्यु पश्चात की थी, पुलिस द्वारा आरोपी से जप्त  कपड़ों व मृतक के खून आलूदा कपड़ों और चाकू का डीएनए परीक्षण कराया था।

तर्कों के आधार पर आरोपी को सुनाई सजा

अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था आरोपी का विचारण प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के अतिरिक्त न्यायाधीश निर्मल मंडोरिया के न्यायालय में किया गया। जहां पर अभियोजन द्वारा अपने साक्षियों का परीक्षण एवं वैज्ञानिक साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए। विचारण उपरांत अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष एवं तर्कों से सहमत होते हुए प्रथम सत्र न्यायाधीश के अतिरिक्त न्यायाधीश श्री मंडोरिया ने आरोपी हेमराज को दया भाई की हत्या की आरोप में दोष सिद्ध ठहराया। आरोपी हेमराज को धारा 302 भादवि के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं ₹4000 का अर्थ दंड एवं धारा 201 के अपराध में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 की। अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से पर भी अतिरिक्त लोग अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।

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