कमजोर एवं पिछड़े लोगों की कानूनी मदद में विधिक सेवा अहम : न्यायाधीश
🔳 विधिक सेवा दिवस हुआ मध्यस्थता जागरूकता शिविर
हरमुद्दा
नीमच, 10 नवंबर। समाज के कमजोर एवं पिछड़े लोगों की कानूनी मदद में विधिक सेवा की सार्थकता आज सर्वविदित है। विधिक सेवा जन कल्याण का एवं पुनित कार्य है। पैरालीगल वालेन्टियर्स के रूप में कार्य करके आप भी इस पुनित कार्य के सहभागी बन सकते है।
यह विचार जिला न्यायालय परिसर स्थित ए.डी.आर. सेंटर भवन में विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष हृदेश ने कही।
मध्यस्थता से निराकरण
विधिक सेवा दिवस कार्यक्रम के साथ ही मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ। जिसके संबंध में जिला न्यायाधीश हृदेश ने कहा कि मध्यस्थता के माध्यम से केवल मामले का निराकरण होना ही एक मात्र लाभ नहीं, बल्कि इसके माध्यम से छोटे प्रकरण सरल रीति से एवं कम खर्च में निराकृत हो जाते है, जिससे न्यायालयों को अन्य बड़े मामलों पर अधिक ध्यान देने का समय मिल जाता है।
ये थे उपस्थित
इस अवसर पर कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अखिलेश शुक्ला, विशेष न्यायाधीश आर.पी. शर्मा, अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुनील जोशी, जिला स्थापना के अन्य न्यायाधीशगण, जिला विधिक सहायता अधिकारी शक्ति रावत, अधिवक्तागण एवं पैरालीगल वालेन्टियर्स उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नीमच के सचिव संजय कुमार जैन द्वारा किया गया।
किया सम्मानित
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नीमच द्वारा बाढ़ आपदा पीड़ितो की सहायतार्थ चलाए गए अभियान में सहयोग प्रदान करने के लिए जिला अभिभाषक संघ नीमच, तहसील अभिभाषक संघ मनासा एवं जावद, म.प्र. न्यायिक कर्मचारी संघ जिला नीमच डॉ. संगिता भारतीय, डॉ.बी.एल. रावत, स्वास्थ्यकर्मी यश शर्मा, पैरालीगल वालेन्टियर्स मोहनलाल नागदा, दिलखुश बारूपाल, रामचन्द्र धनगर, जगदीश वर्मा को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। तथा नेशनल लोक अदालत 14 सितम्बर में तहसील जावद में सबसे अधिक प्रकरणों के निराकरण करवाने हेतु अधिवक्ता दिनेश नागर, विनोद पाटीदार तथा तहसील मनासा में सबसे अधिक प्रकरणों का निराकरण करवाने के लिए अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा, पी.एस. पाटीदार, कैलाश चौधरी को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।