हद में नहीं रहने का एक हादसा : उम्मीद उड़ी, सपने टूटे, माताओं की उजड़ी गोद
हरमुद्दा
इंदौर, 23 फरवरी। हादसे में पिताओं की उम्मीद उड़ गई। युवाओं के सपने टूट गए। माताओं की गोद उजड़ गई। एक दोस्त के जन्मदिन की पार्टी मना कर लौट रहे दोस्तों की कार हद में नहीं रहने के चलते हादसे का शिकार हो गई। चार घर के इकलौते चिराग बुझ गए। एक दोस्त का जन्मदिन 6 दोस्तों के लिए मरण दिन साबित हो गया। यूं तो जन्मदिन पर भगवान के आशीर्वाद लिए जाते थे। पूजा-अर्चना होती थी लेकिन युवा पीढ़ी इसे दकियानूसी मानती है। और वे अपनी मनमानी पर उतारू हो जाते हैं। पीड़ा परिजनों को भोगना पड़ती है।
इंदौर में तलावली चांदा पर सड़क हादसे में छह दोस्तों की मौत हो गई। ये सभी दोस्त अपने मित्र के जन्मदिन पर पार्टी के लिए घर से निकले थे। पार्टी कर वापस लौटते समय उनकी कार सड़क किनारे खड़े टैंकर से टकराई और कार का अगला हिस्सा पिछली सीट से जा मिला। हादसे में सभी छह की मौत हो गई। इनमें से चार तो अपने घर के इकलौते बेटे थे।
गंभीर दो घायल को नहीं बचा पाए अस्पताल में।
इस हादसे में ऋषि (19), छोटू उर्फ चंद्रभान रघुवंशी (23), सोनू जाट (23), सुमित (30) चार की मौके पर ही मौत हो गई । देव (28) एवं गोलू उर्फ सूरज (25) को इलाज के लिए एमवाय भेजा गया था, जहां उन्होंने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
एक साथ चले गए दो भाई
इस हादसे में भाइयों की भी मौत हो गई है। सूरज और देव दोनों ही चचेरे भाई है। उनके परिवार के मुताबिक सूरज एक निजी कंपनी में काम करता था। परिवार में उसकी एक बड़ी बहन है, जबकि देव उसके चाचा का लड़का है। उसके घर में एक छोटी बहन है। दोनों ही इकलौते लड़के थे। देव अभी बीबीए कर रहा है। कल रात को उनके एक्सीडेंट की खबर कॉलोनी में पहुंचे तो आसपास के लोगों ने परिजनों को जगाया और इस बारे में बताया। परिवार के मुताबिक सूरज रात 10 बजे के करीबन घर पर आ गया था। इसके बाद उसे दोस्तों का फोन आया और उन्होंने पार्टी में चलने का बोला इस पर सूरज और देव दोनों ही वहां से चले गए थे।
लॉकडाउन में आया था घर
हादसे में अपनी जान गंवा चुका सोनू भी पढ़ाई कर रहा था। वह रूस में रहकर एमबीबीएस कर रहा है। लॉकडाउन के चलते वह अभी घर आया हुआ था। तभी से इंदौर में रह रहा था। वह भी परिवार में इकलौता बेटा बताया जा रहा है। उसके पिता खेती का काम करते हैं वह भी इकलौता बेटा है। घर पर में तीन बहनें और एक भाई है।
माता-पिता कानपुर में
सुमित यादव के परिवार में गमी हो गई थी। इसी के चलते वह माता-पिता कानपुर गए हुए थे। घर में भाइयों के अलाला कोई नहीं थी। उन्हें रात में इसकी खबर कर दी गई थी। इस पर सुबह चार बजे के लगभग वहां से निकले है। दोपहर बाद वह घर पहुचेंगे। उसके पिता किराना दुकान चलाते है। वह भी अभी पढ़ाई कर रहा था। घर में दो भाई है। एक छोटा और एक बड़ा भाई है।
सबमें छोटा था ऋषि
हादसे में जान गवा चुका ऋषि सबसे छोटा था। वह अभी 12वीं क्लास में पढ़ाई कर रहा था। यह भी इकलौता चिराग बताया जा रहा है। इस पिता टिफिन सेंटर चलाते हैं। कल रात को वह भी अपने दोस्त की पार्टी में जाने का कहकर निकला था। इसके बाद रात में उसकी मौत की खबर ही आई।
खाना खाकर कुछ देर में लौटने का बोला था
चंद्रभान बीबीए सेकंड इयर का छात्र का था। उसके पिता छोटा-मोटा काम करके घर का खर्च चलाते है। उसके दो भाई और है। कल रात को 11 बजे के करीबन उसने अपने परिवार को बताया कि वह सूरज और देव के साथ एक दोस्त के यहां पर जा रहा था। वहां से खाना खाकर घर पर लौट आएगा। परिवार के लोगों ने भी ज्यादा पूछताछ नहीं की। इसके बाद देर रात को खबर आई कि एक्सीडेंट हो गया है। इस पर अस्पताल पहुंचे तो यहां पर उसकी मौत की जानकारी मिली।