प्रधानमंत्री के साष्टांग दंडवत के साथ उद्घाटन : देश को समर्पित हुआ नवीन संसद भवन, श्रमजीवी का हुआ अभिनंदन
⚫ देश की प्रमुख हस्तियों की रही मौजूदगी
⚫ राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित कर किया हवन पूजन
⚫ सेंगोल स्थापित कर 20 पंडितों से लिया आशीर्वाद
हरमुद्दा
दिल्ली, 28 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने भवन के निर्माण में लगे श्रमजीवियों को सम्मानि किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित कर हवन और पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने संसद भवन में सेंगोल स्थापित कर 20 पंडितों से आशीर्वाद लिया।
सेंगोल को सबसे पहले अंग्रेजों द्वारा सत्ता हस्तातंरण के प्रतीक के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था। नए भवन के इस उद्घाटन मौके पर संसद के दोनों ही सदनों के सदस्यों के साथ ही देश की प्रमुख हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी नई संसद के उद्घाटन मौके पर धोती-कुर्ता पहने हुए नजर आए। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ राष्ट्रपति महात्मा गांधी को नए संसद भवन में पुष्पांजलि अर्पित की।
विदिशा की विजय स्तंभ से मिलती है नवीन संसद भवन की डिजाइन
नए संसद भवन की डिजाइन मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित विजय मंदिर से मिलती है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी का बताया जा रहा है। कहा जाता है कि 1682 में औरंगजेब ने मंदिर को तोप से ध्वस्त कर मस्जिद बनवा दी थी। तीन सौ से अधिक साल तक यहां मस्जिद रही। वहीं, जब 1992 में बाढ़ से मस्जिद का एक हिस्सा ढहा तो भारतीय पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षण में लेते हुए यहां खुदाई की। खुदाई के दौरान मस्जिद के नीचे मंदिर का आधा हिस्सा बाहर दिखाई देने लगा। करीब पांच साल पहले किसी ने ड्रोन कैमरे से मंदिर के ऊपरी हिस्से की तस्वीर खींचा तो विजय मंदिर की भव्यता दिखाई दी।
1000 साल पुराने इतिहास के होंगे दर्शन
नए संसद भवन में देश के एक हजार साल पुराने इतिहास के दर्शन होंगे। इस भवन में आचार्य चाणक्य से लेकर डॉ आंबेडकर जैसे महापुरुषों की प्रतिमा लगाई गई है। इसके अलावा, यहां आजादी के उन गुमनाम नायकों की भी एक गैलरी तैयार की गई है, जिनके योगदान से देश अब तक अनजान रहा है।