ज्ञान विज्ञान : विद्यार्थियों में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम तथा विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने वाले सर्वे ने किया अभिभूत, रूचि और समझ में हुई वृद्धि

देश के ख्याति प्राप्त विज्ञान संचारकों में शुमार गजेंद्र सिंह राठौर की “हरमुद्दा डॉट कॉम” से विशेष चर्चा

विद्यार्थियों और शिक्षकों में चंद्रयान को लेकर एक जागरूकता सर्वे प्रश्नोत्तरी को मिला खूब प्रतिसाद

15 दिन की अवधि में प्रश्नोत्तरी सर्वे में 1206 विद्यार्थियों ने 22 अगस्त तक लिया भाग

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हेमंत भट्ट
रतलाम, 22 अगस्त। विद्यार्थियों और शिक्षकों में चंद्रयान को लेकर एक जागरूकता सर्वे एक प्रश्नोत्तरी के माध्यम से किया गया। यह सर्वे विज्ञान संचारक गजेंद्र सिंह राठौर ने किया। इस सर्वे में उनके साथ-साथ सी एम राइस विनोबा रतलाम, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर और रतलाम एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स को भी शामिल किया गया। चार विकल्प वाले सर्वे में 10 प्रश्न चंद्रयान से संबंधित इस प्रकार डिजाइन किए गए थे जो रोज समाचार पत्र व्हाट्सएप यूट्यूब गूगल तथा चर्चाओं में बने रहते हैं।

देश के ख्याति प्राप्त विज्ञान संचारकों में शुमार गजेंद्र सिंह राठौर ने हरमुद्दा से विशेष चर्चा में बताया कि 15 दिन की अवधि में प्रश्नोत्तरी सर्वे में 1206 विद्यार्थियों ने 22 अगस्त तक भाग लिया।

10 प्रश्न चंद्रयान से संबंधित

इस सर्वे में 10 प्रश्न पूछे गए इसमें स्वैच्छिक रूप से विद्यार्थियों को भाग लेना था प्रश्नों का स्वरूप इस तरह तय किया गया था, ताकि विज्ञान के प्रति रुचि बनी रहे।

⚫ प्रश्न में पूछा गया कि अभी हाल ही में चंद्रमा की और भारत से किसे भेजा गया? इसमें चंद्रयान-3 के विकल्प पर 1093 बच्चों ने जवाब दिया  अर्थात शैक्षिक रूप से भाग लेने वाले 90% से अधिक विद्यार्थियों को चंद्रयान 3 के भेजने के बारे में जानकारी थी।

⚫ चंद्रयान कहां से भेजा गया, इसके बारे में 1206 में से 1055 बच्चों ने बताया कि यह श्रीहरिकोटा से भेजा गया जो कि सही जवाब था।

⚫ चंद्रयान के लेटेस्ट रोवर के बारे में 806 बच्चे अर्थात करीब 33 फीसदी विद्यार्थियों को इस बारे में नहीं पता था। एक चंद्र दिवस में कितने पृथ्वी दिवस होते हैं इस पर 72%,

⚫ लेटेस्ट चंद्रयान के मिशन डायरेक्टर के सवाल पर 57%,चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी की सतह का कितना होता है इस पर 72% विद्यार्थियों ने अपनी सही राय रखी।

⚫ चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है। इसको 8% विद्यार्थी नहीं पहचान पाए। चंद्रयान से संबंधित शब्दावली में 60% विद्यार्थी सफल रहे ,जबकि चंद्रयान के लैंडर के नाम पर 70% बच्चों ने अपने सही जवाब दिए।

⚫ चंद्रयान कब भेजा गया इस पर 14 जुलाई 2023 की डेट को 85% बच्चों ने सही बताया। 1206 विद्यार्थियों में सभी 10 प्रश्नों के सही उत्तर 307 विद्यार्थियों ने दिए। किसी भी विद्यार्थी को शून्य अंक प्राप्त नहीं हुआ। समस्त उत्तरों का मध्य 8 था और उनकी रेंज 2 से 10 के बीच में थी।

रुचि और समझ में हुई वृद्धि

विज्ञान संचारक गजेंद्र सिंह राठौर बताते हैं कि प्रश्नोत्तरी का उद्देश्य विद्यार्थियों में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम तथा विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करना था।इस दौरान विद्यार्थियों ने बताया कि उन्होंने प्रश्नोत्तरी के बाद chandrayaan-3 पर काफी जानकारी एकत्रित की तथा उनकी रूचि समझ मैं वृद्धि हुई है।

ग्वालियर के शिक्षक डीएम सुरेश का कहना : “अभूतपूर्व उत्सुक थे विद्यार्थी”

ग्वालियर के विज्ञान शिक्षक डीएम सुरेश बताते हैं कि बच्चों में प्रश्नोत्तरी भरने के पहले और बाद में chandrayaan-3 को लेकर अभूतपूर्व उत्सुकता थी।  रतलाम के विद्यार्थी पर्व मरमट के अनुसार प्रश्नोत्तरी में जहां प्रारंभिक जानकारी के प्रश्न थे वहीं कुछ प्रश्न के बारे में जानकारी प्राप्त भी की। स्मरण रहे,गजेंद्र सिंह राठौर देश के ख्याति प्राप्त विज्ञान संचारकों में शुमार है तथा रतलाम में अवकाश के दिनों में भी विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने का प्रयास करते हैं। इसके लिए भी निशुल्क साइंस कार्यशाला का आयोजन करते हैं। स्वयं के व्यय से कबाड़ से जुगाड़ द्वारा विज्ञान के छोटे-छोटे प्रयोग कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करते हैं। इनका यूट्यूब चैनल gajendra singh rathore है जिसके माध्यम से विज्ञान चर्चाएं होती है,जिससे लाखों विद्यार्थी जुड़े है।

एक नजर प्रक्रिया पर

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