फैसला : पत्नी के हत्यारे पति को आजीवन कारावास

⚫ बच्चों को संभाल कर रखने में हुई थी कहां सुनी

⚫ चौकीदार ने बताई सच्चाई

⚫ बच्चों को पुनर्वासित करने के लिए की सिफारिश

हरमुद्दा
शाजापुर, 29 अप्रैल। मामूली बात पर पति-पत्नी में हुई कहा सुनी। पति ने पत्नी के सिर पर वार किया। पत्नी की मौत हो गई प्रकरण  न्यायालय में पहुंचा। न्यायालय षष्ठम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीतूकांता वर्मा द्वारा आरोपी कालूनाथ पिता सिंगानाथ कालबेलिया निवासी लक्ष्मीपुरा थाना सुसनेर जिला आगर मालवा को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास और 5000 रुपए  के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। बच्चों को पुनर्वासित करने के लिए सिफारिश की गई।

जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने हरमुद्दा को बताया कि, 10 अप्रैल 2020 को रात्रि लगभग 8:40 बजे पुलिस को सूचना मिली की बंशी के खेत के जंगल में नीम के नीचे  एक औरत की  हत्या की गई है।

चौकीदार ने बताया पति ने की हत्या

पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो ग्राम मांगलिया के चौकीदार बाबूलाल ने बताया कि शीलाबाई को उसके पति कालूनाथ के द्वारा सिर पर लट्ठ मारकर हत्या कर दी है। पुलिस अनुसंधान के दौरान आरोपी कालूनाथ से पूछताछ की गई। जिसमें आरोपी कालूनाथ ने बताया कि वह तथा उसकी पत्नी शीलाबाई अदलीम खेडी गेहू मांगने गए थे। वापस आते समय नीम के झाड़ के नीचे दोनो में बच्चों को संभालकर रखने के संबंध में कहासुनी हो गई। इस बात पर उसने शीलाबाई के सिर में कई बार मारा, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।

साक्ष पर सुनाई सजा

प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी उपसंचालक (अभियोजन) सुश्री प्रेमलता सोलंकी शाजापुर एवं रमेश सोलंकी, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला शाजापुर द्वारा की गई। न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया।

बच्चों को पुनर्वासित करने के लिए की सिफारिश

इसाथ ही अभियुक्त कालूनाथ व मृतिका शीलाबाई पति-पत्नी है तथा शीलाबाई की मृत्यु होने और अभियुक्त कालूनाथ के जेल में जाने से, उनके पांच छोटे-छोटे बच्चों को हुई क्षति को देखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा -357क के अंतर्गत बच्चों को पुनर्वासित किए जाने के लिए पर्याप्त रूप से प्रतिकर दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शाजापुर को न्याायालय द्वारा सिफारिश की।

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