सामाजिक सरोकार : ऑनलाइन होटल बुकिंग धोखाधड़ी से सावधान, सायबर फ्रॉड होने पर राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें शिकायत

होटल नहीं निकले असली, वेबसाइट निकली फ्रॉड

15000 जमा करवा कर 2 महीने पहले करवाई थी बुकिंग जूनागढ़ गुजरात में गिरनारजी के लिए

जब गया परिवार तो पता चल कोई बुकिंग नहीं

वेरिफाइड ऑनलाइन होटल बुकिंग साइट का ही करें इस्तेमाल

हरमुद्दा
रतलाम, 6 जनवरी। आजकल हर काम ऑनलाइन ही किया जाता है। प्रोफेशनल काम से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक हर जगह इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में अगर किसी को शहर से बाहर जाना होता है तो वो अपनी सुविधा के लिए ऑनलाइन होटल और ट्रेवल सब सर्च कर लेते है। परन्तु आजकल ऑनलाइन बुकिंग आपके साथ सायबर धोखाधड़ी का कारण बन सकता है।


हाल में ऐसे कई मामले सामने आए जिनमें लोगों ने अपने लिए होटल तो बुक करें लेकिन या तो वो होटल असली नहीं निकले या वो वेबसाइट फ्रॉड निकली है।

15000 जमा करवा कर 2 महीने पहले करवाई थी बुकिंग जूनागढ़ गुजरात में गिरनारजी के लिए

पिछले दिनों रतलाम निवासी एक व्यक्ति द्वारा गिरनारजी जूनागढ़ गुजरात न्यू ईयर पर परिवार के साथ घूमने जाने का प्लान बनाया और वहां रुकने के लिए 2 महीने पूर्व ही ऑनलाइन गूगल पर सर्च कर वेबसाइट के माध्यम से कच्छी भवन गिरनार जूनागढ़ में रुकने के लिए रूम बुक करने के लिए वेबसाइट पर दिए मोबाइल नंबर से संपर्क कर उनके बताए बैंक अकाउंट में 15,000 रुपए से ज्यादा का अमाउंट डालकर होटल बुक किया।

जब गया परिवार तो पता चल कोई बुकिंग नहीं

न्यू ईयर पर जब परिवार के साथ उस होटल में पहुंचे तो वहां जाकर पता चला कि उनके नाम पर कोई बुकिंग नहीं है।
और आपने जिस वेबसाइट और मोबाइल नंबर पर संपर्क कर बुकिंग की है, वह भी हमारी होटल से संबंधित नहीं है। पीड़ित व्यक्ति द्वारा रतलाम आकर पुलिस अधीक्षक रतलाम अमित कुमार को इसकी शिकायत दर्ज करवाई। सायबर सेल टीम द्वारा बैंक अकाउंट, और मोबाइल नंबर की जानकारी प्राप्त की जा रही है।


वेरिफाइड ऑनलाइन होटल बुकिंग साइट का ही करें इस्तेमाल

ऑनलाइन होटल या ट्रेवल्स बुकिंग में स्कैम से बचने के लिए आप हमेशा वेरिफाइड ऑनलाइन होटल बुकिंग साइट का ही इस्तेमाल करें। इंटरनेट पर इस प्रकार की कई फर्जी वेबसाइट्स सायबर अपराधियों द्वारा बना रखी है। हम जब भी गूगल पर होटल बुकिंग के लिए सर्च करते है तो इस प्रकार की फर्जी वेबसाइट्स भी हमारे सामने आ जाती है। ये फर्जी वेबसाइट्स बिल्कुल असली वेबसाइट्स की तरह दिख सकती है। जो कि असली वेबसाइट्स से मिलते जुलते नाम से बनाई जाती है। आम व्यक्ति बिना वेबसाइट की सत्यता या प्रामाणिकता चेक किए बगैर ही दिए गए मोबाइल नंबर, यूपीआई या बैंक खाते में अमाउंट ट्रांसफर कर देते है और उनके साथ वित्तीय धोखाधड़ी हो जाती है। वेबसाइट के यू आर एल, और रिव्यूज की जांच करना चाहिए। किसी भी प्रकार का सायबर फ्रॉड होने पर राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करे।

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