बच्चे, बूढ़े और जवान, खान-पान का रखें सभी ध्यान, वरना संक्रमण की बीमारी पहुंचा सकती है जीवन को नुकसान
🔲 सकारात्मक पोषण व्यवहार कोविड 19 से लड़ने में है मिलती मदद : डॉ. ननावरे
हरमुद्दा
रतलाम 18 मई। बच्चे, बूढ़े और जवान को खान-पान का पूरा ध्यान रखना है। वरना मौजूदा संक्रमण की बीमारी जीवन को नुकसान पहुंचा सकती है। रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाने के लिए पोषण आहार संबंधी सकारात्मक व्यवहार अपनाना चाहिए। रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के मजबूत होने से संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।
यह बात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताई। डॉ. ननावरे ने बताया कि कोविड संक्रमण होने या ना होने दोनों स्थितियों में माता को अपने शिशु को नियमित स्तनपान कराना चाहिए। स्तनपान शिशु के लिए अमृत समान है, जो रोगों से लड़ने में मदद करता है। शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान, छ: माह तक केवल स्तनपान, छ: माह बाद पूरक पोषाहार तथा शिशु के दो वर्ष का होने तक स्तनपान कराते रहना चाहिए।
रखें भोज्य पदार्थों में विविधता
जनसामान्य को अपने दैनिक भोजन में भोज्य पदार्थों की विविधता रखना चाहिए अर्थात प्रतिदिन बदल-बदलकर सब्जियों का चयन करना चाहिए। भोजन में चावल, गेहू , मक्का, ज्वार का उपयोग करें। विभिन्न प्रकार की दालों, सोयाबीन आदि का प्रयोग करें। हरी सब्जियां, फल आदि से मिलने वाले विटामिन से संक्रमण से बचाव में मदद मिलती है। दूध और दूध से बने पदार्थ तथा अंडा, पूरी तरह पके भोजन में विटामिन बी 12 और जिंक जैसे पोषक तत्व विद्यमान होते हैं।
इन पदार्थों को खाने से बचें आमजन
अत: इनका प्रयोग करना चाहिए। जंक फुड चिप्स, नुडल्स, कुरकुरे, ब्रेड, कोल्ड ड्रिंक आदि के प्रयोग से बचना चाहिए। साफ और सुरक्षित पेयजल का उपयोग करना चाहिए। पीने का पानी लेने के लिए डंडी वाले मग का प्रयोग करना चाहिए। गर्भवती माताओं और बच्चों को समय-समय पर लगने वाले सभी प्रकार के टीके लगवाना सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है।
बच्चों को पिलाई विटामिन की खुराक
अपने बच्चे को 9 माह की उम्र के बाद 5 वर्ष की आयु होने तक छ: माह के अंतराल पर विटामिन ए की खुराक अवश्य पिलाना चाहिए। इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है। आयरन और फोलिक एसिड की गोलियों का प्रयोग करें तथा अपने बच्चे को 9 माह की उम्र के बाद 5 वर्ष की आयु होने तक हर छ: माह के अंतराल पर कृमिनाशन की गोली खिलाना चाहिए।