यह मांग जिला अभिभाषक संघ ने की है। संघ अध्यक्ष दशरथ पाटीदार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को प्रभारी सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता को मुख्य न्यायाधिपति मध्य प्रदेश के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें न्यायालय का कामकाज सामान्य रूप से जल्द से जल्द आरंभ करने की मांग करते हुए बताया गया कि न्यायालयों में 25 मार्च से राष्ट्रीय लॉकडाउन घोषित होने के बाद ऑनलाइन प्रकृति से कार्य किया जा रहा है। इसमें केवल अति आवश्यक प्रकरणों की सुनवाई हो रही है। इससे अभिभाषक समुदाय गंभीर आर्थिक समस्या में आ गया है सामान्य रूप से काम नहीं होने के कारण अभिभाषकों की पर्याप्त आय नही हो पा रही हैं। केंद्र एवं राज्य शासन ने अभिभाषकों को आर्थिक समस्या से उबरने के लिए किसी प्रकार की सहायता भी घोषित नहीं की है। मध्यप्रदेश शासन ने जो सहायता योजना बनाई है, वह भी अपर्याप्त है। ऐसी स्थिति में आर्थिक संकट से जूझ रहे अभिभाषणगण के लिए जब तक न्यायालय का कामकाज सामान्य रूप से शुरू नहीं होगा, तब तक अभिभाषकों एवं उनके परिवार के भरण पोषण के कार्य में बाधा आएगी।
जिला अभिभाषक संघ के अनुसार विधि व्यवसाय अपने आप में गरिमामय व्यवसाय है। इसकी गरिमा को बनाए रखते हुए सभी अभिभाषकों को आर्थिक सहायता किए जाने हेतु कोई अन्य कार्य संभव नहीं है। इन दिनों पक्षकारगण अभिभाषकों से लगातार उनके प्रकरणों की जानकारी मांग रहे हैं, जिससे उन्हें समझाना भी मुश्किल हो रहा है।
संघ ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि सामान्य रूप से न्यायालयों का कामकाज शुरू होने पर अभिभाषक समुदाय द्वारा न्यायालय परिसर में सामाजिक दूरी का पालन किया जाएगा। इसके अलावा अन्य निर्देश का भी पालन किया जाएगा। जिला अभिभाषक संघ ने आशा जताई है कि न्यायालय शुरू होने पर जल्द ही स्थिति सामान्य होगी। इससे आम लोगो को त्वरित न्याय मिलेगा।
यह थे मौजूद
इस दौरान संघ के सचिव प्रकाशराव पंवार, सह सचिव विकास पुरोहित,कार्यकारिणी सदस्य शुभम उपाध्याय,सुनीता वासनवाल, त्रिशूल पाल एवं संतोष त्रिपाठी आदि मौजूद थे।