बच्‍चों की शैक्षिक गुणवत्‍ता सुधार के लिए 1 अक्‍टूबर से होगा ‘निष्‍ठा’ प्रशिक्षण

🔲 प्रशिक्षण सभी शिक्षकों के लिए होगा अनिवार्य

🔲 प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले शिक्षकों को मिलेंगे 1 हजार रुपए

🔲 शरद भट्ट
पिपलौदा (रतलाम), 28 सितंबर।बच्‍चों के अधिगम सुधार तथा शिक्षकों की व्‍यक्तिगत योग्‍यता विस्‍तार व सुरक्षित, स्‍वस्‍थ स्‍कूल वातावरण निर्माण के लिए 1 अक्‍टूबर से 30 दिसंबर तक 18 सत्रों में शिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के माध्‍यम से किया जाना है। इन प्रशिक्षणों को सभी शिक्षकों, जनशिक्षक, अकादमिक समन्‍वयक, विकासखंड स्रोत केन्‍द्र समन्‍वयक तथा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्‍थान के अकादमिक सदस्‍यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करना होगा।
इसके लिए राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र ने निर्देश जारी कर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्‍थान, जिला शिक्षा केन्‍द्र तथा तकनीकी स्‍टाफ की जिम्‍मेदारी तय कर दी है। यह प्रशिक्षण सभी के लिए अनिवार्य होगा। इस प्रशिक्षण को पूर्ण करने वाले शिक्षकों को 1 हजार रुपए प्रदान किए जाने का भी प्रावधान है।

बच्‍चों की शैक्षिक जरूरतों को पूर्ण करने के उद्देश्‍य : डॉ. गुप्ता

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जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्‍थान के प्राचार्य डॉ.नरेन्‍द्र गुप्‍ता ने बताया कि शिक्षण अधिगम संसाधनों की पहुंच बच्‍चों तक बनाने तथा गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा के साथ बच्‍चों की शैक्षिक जरूरतों को पूर्ण करने के उद्देश्‍य से एनसीईआरटी दीक्षा एप्‍प के माध्‍यम से ‘निष्‍ठा’ प्रशिक्षण प्रारंभ करने जा रही है। 1 अक्‍टूबर से प्रारंभ होने वाले इस प्रशिक्षण में 3 पाठ्यक्रम 15 दिन की अवधि के लिए होंगे। पहला चरण 1 से 15 अक्‍टूबर तक चलेगा। इसमें समावेशी शिक्षा, शिक्षक की व्‍यक्तिगत योग्‍यता का विकास और सुरक्षित स्‍वस्‍थ शाला वातावरण बनाने के साथ स्‍कूलों में स्‍वास्‍थ्‍य कल्‍याण के बारे में चर्चा की जाएगी। दूसरे चरण में सीखनेकी प्रक्रिया में लिंगानुपात को एकीकृत करना, टीचिंग लर्निंग में आई सी टी का उपयोग व कला आधारित गतिविधियों को शामिल किया गया है। नवंबर माह में होने वाले पहले चरण में शाला आधारित मूल्‍यांकन, पर्यावरणीय अध्‍ययन का शैक्षिक महत्‍व व गणित के शिक्षा शास्‍त्र की चर्चा की जाएगी। चौथे चरण में सामाजिक विज्ञान के विज्ञान, भाषाओं के शिक्षाशास्‍त्र व विज्ञान अध्‍यापन की जानकारी प्रदान की जाएगी। पांचवे चरण में स्‍कूल में नेतृत्‍व की अवधारणा,स्‍कूली शिक्षा में शैक्षिक पहल तथा प्री स्‍कूल शिक्षा के बारे में समझाया जाएगा। अंतिम चरण में व्‍यावसायिक शिक्षा, कोविड 19 के परिदृश्‍य में स्‍कूली शिक्षा में चुनौतियों तथा उनके समाधान व बाल अधिकार, यौन अपराधों से बच्‍चों के संरक्षण अधिनियम 2012 की जानकारी प्रदान की जाएगी।

राज्य स्तर से मिलने वाली लिंक खुली रहेगी 15 दिन

जिला शिक्षा केन्‍द्र के अका‍दमिक समन्‍वयक चेतराम टांक ने बताया कि इसके लिए राज्‍य स्‍तर से लिंक प्राप्‍त होगी जो 15 दिन के लिए खुली रहेगी। इस निर्धारित समयावधि में शिक्षकों को प्रशिक्षण पूर्ण करना अनिवार्य होगा। इसके लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। शिक्षकों को दीक्षा एप्‍प में अपने युनिक आईडी व एम शिक्षा मित्र के पासवर्ड से लॉग इन किया जाएगा। इसके अनुभवों को शैक्षिक संवाद में साझा करना होगा। इसके लिए ऑनलाइन टेस्‍ट होगा तथा 60 प्रतिशत अंक लाने वालों को ही प्रमाण-पत्र प्रदान कर किया जाएगा। इस प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों के डाटा पैक, स्‍टेशनरी व पेन ड्राइव के लिए 1 हजार रुपए प्रमाण पत्र के बाद प्रदान किए जाएंगे।

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