इंस्पायर में निजी स्कूलों की रुचि कम
🔲 डीईओ ने बीआरसी को जारी किए निर्देश
🔲 2 दिन में आईडिया बढ़वाने के लिए कहा
🔲 आईडिया अपलोड करने पर विद्यार्थियों को मिलते हैं 10 हजार
हरमुद्दा
रतलाम, 28 सितंबर। स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए हर साल आयोजित किए जाने इंस्पायर अवार्ड में इस बार पोर्टल पर कम आवेदन आने पर शासन अब सख्त हो रहा है। इस साल स्कूल बंद होने के बावजूद शासकीय स्कूल तो आगे हैं, लेकिन आॅनलाईन पढाई करवा रहे अशासकीय स्कूल बिल्कुल रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अब जबकि मात्र तीन दिन शेष हैं, तो विभाग ने अशासकीय स्कूलों को पत्र जारी करके आईडिया अपलोड करवाने के निर्देश दिए हैं।
भारत सरकार के सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले इंस्पायर अवार्ड में हर वर्ष कक्षा 6ठी से 10वीं तक के विद्यार्थियों के खोजपरक आईडिया सम्मिलित किए जाते हैं। आईडिया और मॉडल को जिला, राज्या और फिर राष्ट्रीय स्तर पर चयनित और पुरस्कृत किया जाता है। इसके लिए आईडिया अपलोड करने वाले हर विद्यार्थी के खाते में 10 हजार रुपए की राशि भी शासन द्वारा डाली जाती है। पिछले साल 2019 में जिले के 894 स्कूलों के 2094 आईडिया अपलोड हुए थे, जबकि इस साल 735 स्कूल के 1700 आईडिया ही अपलोड हुए हैं।
हेल्पलाईन के बावूजद निजी का रुझान कम
बच्चों के हित में राज्य और जिला स्तर पर हेल्पलाईन नंबर भी जारी किए गए हैं जिनसे इंस्पायर अवार्ड के लिए मदद दी जा रही है। इस साल स्कूल बंद होने के बावजूद शासकीय शालाओं से तो आवेदन आए हैं, लेकिन ऑनलाइन पढाई करवाने और फीस वसूलने वाले निजी स्कूल बच्चों के आईडिया अपलोड करवाने में पीछे हैं। जबकि आईडिया अपलोड करने पर बच्चे के खाते में 10 हजार रुपए की राशि जमा होगी। आवेदन की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। ऐसे में जिला प्रशासन ने इसके खिलाफ नाराजगी जताते हुए पत्र जारी किया है। डीईओ ने जिले के सभी बीआरसी को पत्र जारी कर उनसे सभी संकुल, स्कूलों में अधिक से अधिक आईडिया देने के निर्देश दिए है।