मामला संरक्षित व दुर्लभ वन्य जीवों के अंग व वृक्षों के अवशेष के कारोबार व तस्करी का : 3 व्यापारी 5 दिन के रिमांड पर

 दंडनीय अपराध में 3 से 7 साल तक हो सकती सजा

 न्यायालय में पेश करने से पहले तीनों आरोपितों का करवाया मेडिकल

हरमुद्दा
रतलाम, 21 फरवरी। वाइल्ड लाइफ इंडिया और वन विभाग द्वारा शनिवार को पकड़े गए शहर के तीन व्यापारियों को न्यायालय ने 5 दिन की रिमांड पर वन विभाग को सौंपा है। इन्हें संरक्षित और दुर्लभ वन्य व समुद्री जीवों के अंगों तथा वृक्षों के अवैध कारोबार, संग्रहण व तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों के पास से भारी मात्रा में प्रतिबंधित सामग्री जब्त की गई है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत यदि दोष सिद्ध पाया जाता है तो आरोपितों को तीन से सात साल तक सजा हो सकती है।

वन मंडलाधिकारी डी. एस. डोडवे ने

हरमुद्दा को बताया वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न अनुसूचियों में कई दुर्लभ और विलुप्तप्राय: वन्य व समुद्री प्राणियों तथा वनस्पतियों को शामिल किया गया है। इनका कारोबार और भंडारण दंडनीय अपराध है।

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रिमांड पर सौंपने के हुए आदेश

मुखबिर सूचना पर शनिवार को रतलाम शहर के माणक चौक स्थित हकीमुद्दीन-गुलामअली फर्म तथा चौमुखीपुल स्थित पटवा शॉप पर छापे में भारी मात्रा में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रतिबंधित सामग्री जब्त की गई थी। मामले में हकीमुद्दीन-गुलामअली फर्म के सादिक रंगवाला तथा पटवा दुकान के राजेश एवं कमल पटवा को गिरफ्तार किया गया था। तीनों को रविवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से तीनों को 25 फरवरी तक के लिए विभाग को रिमांड पर सौंपने के आदेश हुए हैं।

दोनों फर्मो को किया गया है सील

वन मंडलाधिकारी डोडवे ने बताया दोनों फर्मों को सील कर दिया गया था। यहां अभी विस्तृत छान-बीन होनी है। रिमांड के दौरान तीनों आरोपितों से पूछताछ की जाएगी। इसमें यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि उनके यहां प्रतिबंधित सामग्री कहां से आई। उन्होंने यह कहां से और किससे खरीदी। जब्त सामग्री इस बात का प्रमाण है कि संरक्षित और दुर्लभ वन्य प्राणियों की किसी न किसी स्तर पर हत्या हुई है अथवा उन्हें क्षति पहुंचाई गई है।

यह हुए हैं जब्त

बता दें कि आरोपितों की शॉप से शेर औ उल्लू के नाखून, बारहसिंघे के सींघ, मोलस, गोह के लिंग आदि जब्त हुए थे।

इन धाराओं में दर्ज किए गए हैं प्रकरण

आरोपितों के खिलाफ अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। पटवा दुकान के राजेश एवं कमल पटवा के खिलाफ धारा 9, 17A से 17G तक, 39, 42, 44, 50 एवं 51 में प्रकरण दर्ज किया गया है। इसी तरह हकीमुद्दीन-गुलामअली फर्म के सादिक रंगवाला के विरुद्ध धारा 9, 39, 42, 44, 50 एवं 51 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। पटवा के खिलाफ धारा 17A से 17G तक धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। इन धाराओं में दोषी पाए जाने पर 3 से 7 साल तक सजा का प्रावधान है। 10 हजार से 25 हजार रुपए तक का जुर्माना भी किया जा सकता है।

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