अजब संयोग जन्मदिन पर होगा अंतिम संस्कार : आचार्य ऋषभचन्द्र सूरीश्वर जी का महाप्रयाण, मोहनखेड़ा तीर्थ में 4 जून को होगा अंतिम संस्कार

🔲 भविष्य वाणियां होती थी सटीक

हरमुद्दा
राजगढ़/धार, 3 जून। मोहनखेड़ा जैन तीर्थ के प्रसिद्ध संत आचार्य श्री ऋषभ चन्द्र सूरीश्वर जी का बुधवार रात को इंदौर के मोहक अस्पताल में उपचार के दौरान महाप्रयाण हो गया। अंतिम संस्कार शुक्रवार 4 जून को सुबह मोहन खेड़ा तीर्थ पर किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 4 जून को ही आचार्य श्री का 63वां जन्म दिन है। यह अजब संयोग है कि जन्मदिन पर ही अंतिम संस्कार होगा। आचार्य श्री द्वारा की गई भविष्यवाणियां काफी सटीक होती थी।

श्री आदिनाथ राजेंद्र जैन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल जैन एवं त्रिस्तुति जैन श्री संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंपालाल वर्धन ने आधिकारिक घोषणा सुबह 6 बजे की। ट्रस्ट मैनेजिंग ट्रस्टी ने बताया की कोविड निमानुसार सभी गुरु भक्त अपने-अपने घरों से श्रद्धा सुमन अर्पित करें। आचार्य श्री का शिष्य परिवार भी मोहन खेड़ा पहुंच चुका है।

समग्र समाज को जोड़ने के अभियान में हुए सफल काफी हद तक

आचार्य श्रीऋषभ सूरी जी के मन युवास्था से जन सेवा का अनूठा जज्बा था। वे मोहनखेड़ा को जैन तीर्थ के साथ समग्र समाज को जोड़ना चाहते थे। अपने इस अभियान में वे बहुत कुछ सफल भी हुए। भविष्य वाणी को लेकर भी उनका आकलन सटीक बैठता था। करोना को एवम उज्जैन सिहस्थ में आंधी तूफान की घटनाओं को लेकर उन्होंने भविष्य वाणिया की थी जो सटीक बैठी थी।

सेहत सरोकार में पर्याय बन चुके उनके अभियान

सभी समाज के लिए उन्होंने 1984 में मानव सेवा चिकित्सालय की स्थापना की जो आज संपूर्ण क्षेत्र में सेवा का पर्याय बन चुका है इसके सानिध्य में सैकड़ों नेत्र शिविर, चिकित्सा शिविर, विकलांगो के लिए शिविर, उनके उपकरण, अपाहिजो को ट्रायसिकल, महिलाओं को हर वर्ष जन्म दिन पर सैकड़ों सिलाई मशीनें, गरीबों को अनाज, कटे फटे होठों के निशुल्क आपरेशन शिविरों का आयोजन किया गया। तीन दिन में 300 बेड के करोना कोविड सेंटर का इंतजाम, समाज जनों के आर्थिक विकास के लिए बैंको की स्थापना आदि कई कार्य किए।

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