विश्व पर्यावरण दिवस आज : पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं, अधिक से अधिक पेड़ लगाएं
हरमुद्दा
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस ‘इको सिस्टम रीस्टोरेशन’ पर आधारित है। हम सबको मिलकर वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन से पर्यावरण की सुरक्षा करना है, अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर धरती को हरा-भरा करना है। इस संबंध में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें, जैविक कचरे से कंपोस्ट उर्वरक बनाएं, प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी से उपयोग करें, अधिक से अधिक पौधे लगाएं, यातायात संबंधी साधनों के लिए प्रदूषण रहित साधनों का उपयोग करें, कचरा ना जलाएं। वायु प्रदूषण से बचें । जलवायु परिवर्तन का मानव स्वास्थ्य पर एकाधिक तरीकों से विपरीत प्रभाव होता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर नानावरे ने कहा कि निरंतर औद्योगिकीकरण एवं शहरीकरण और बदली हुई जीवनशैली जिसमें निरंतर उर्जा की खपत होती है, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढावा दे रहा है।
प्रदूषण से होती है जानलेवा बीमारियां
जलवायु परिवर्तन से अस्थमा एवं श्वसन संबंधी बीमारियां कैंसर, कार्डियोवास्कुलर बीमारियां, स्ट्रोक, खाद्य जनित बीमारियां, मानसिक स्वास्थ्य एवं स्ट्रेस संबंधी बीमारियां, न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, झूनोटिक बीमारियां, जलजनित बीमारियां, मौसम संबंधी बीमारियां एवं मृत्यु के प्रकरण परिलक्षित हो रहे हैं । वायु प्रदूषण हवा में ठोस कणों तरल बिन्दु या गैस के रूप में मौजूद कणों के कारण होता है। ये प्राकृतिक या कृत्रिम हो सकते हैं । अति सूक्ष्म कण नासिका या मुह द्वारा श्वसन के दौरान फेफडों तक पहुंचते हैं। जहां से रक्त की धमनियों में प्रवेश कर शरीर के विभिन्न भागों में पहुचते हैं तथा दिल फेफडे दिमाग आदि को हानि पहुंचाते हैं।
प्रदूषित हवा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
नोडल अधिकारी डॉ. जी.आर. गौड ने बताया कि प्रदूषित हवा मानव स्वास्थ्य के लिए बडा खतरा है। इससे बचाव के लिए ज्यादा प्रदूषित जगहों पर ना जाएं। घरों के दरवाजे व खिडकी सुबह शाम बंद रखें। जरूरत पडने पर ही घर से बाहर निकलें। ऑंखों में जलन, सॉस की तकलीफ या खांसी होने पर डाक्टर को दिखाऐं। दिल फेफडें व अन्य गंभीर बीमारी के मरीज का विशेष ध्यान रखें। पटाखे, कूडा, पत्तियां आदि ना जलाऐं। प्लास्टिक बिल्कुल ना जलाऐं। बीडी, सिगरेट का प्रयोग ना करें और दूसरों को ना करने दें। खाना पकाने एवं घर को गर्म करने के लिए धुआ रहित ईंधन का प्रयोग करें। हरियाली रखें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें यथासंभव घर में किचन गार्डन बनाऐं । वायु प्रदूषण से उच्च जोखिम वर्ग केलोग 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाऐं, श्वांस एवं हदय संबंधी बीमारी के मरीज अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में कार्यरत यातायात कर्मी, पुलिसकर्मी, मजदूर सफाईकर्मी, आटोरिक्शा चालक, सडक किनारे दुकानदार ठेलेवाले आदि हैं ।