जानी जमीनी हकीकत : विभागीय योजनाओं में जिले के फिसड्डी रहने पर अधिकारियों में गहरी नाराजगी

 सर्वे की तैयारियों को परखने के लिए आए राज्य शिक्षा केन्द्र के अपर संचालक ओ एल मंडलोई

 नजर आई शिक्षकों के समन्वय की कमी

 बच्चों के भविष्य के लिए सक्रियता से करें कार्य

हरमुद्दा
रतलाम, 11 सितंबर। जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी की समीक्षा तथा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे की तैयारियों को परखने के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र के अपर संचालक तथा उज्जैन संभाग के संयुक्त संचालक ने दौरा कर विभाग के अकादमिक अमले की बैठक ली। एक परिसर एक शाला में शिक्षकों के समन्वय की कमी तथा विभागीय योजनाओं में जिले के फिसड्डी रहने पर अधिकारियों में गहरी नाराजगी रही।

अधिकारियों ने विभाग के जिले से लेकर शाला स्तर तक के अधिकारी कर्मचारियों को बच्चों के भविष्य के लिए सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक के अंत में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे की तैयारियों पर आधारित निर्देशिका का विमोचन किया।

शिक्षकों के पीरियड शैयरिंग नहीं करने पर नाराजगी

अधिकारियों का दौरा जिले के पिपलौदा विकासखंड के ग्राम सोहनगढ़ के एकीकृत हाईस्कूल से प्रारंभ हुआ। यहां शासन के निर्देशानुसार एकीकृत शाला में शिक्षकों के पीरियड शैयरिंग नहीं करने पर नाराजगी रही। यही स्थिति चौरासी बड़ायला, जावरा विकासखंड के लुहारी तथा सुभाष माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिली। नवंबर में होने वाले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे को लेकर शिक्षकों व बच्चों में जानकारी का अभाव भी देखने को मिला।

जिले के अंतिम 10 में रहने पर तानी भौंहे

दोपहर बाद उत्कृष्ट विद्यालय सभागार में समीक्षा बैठक हुई। इसमें राज्य शिक्षा केन्द्र के अपर संचालक ओ.एल.मंडलोई ने बिन्दुवार समीक्षा करते हुए प्रदेश स्तर पर जिले के अंतिम 10 में रहने पर भौंहे तानी। 

लगभग 14 हजार से अधिक बच्चे शिक्षा से वंचित

श्री मंडलोई ने निर्देश दिए कि अधिकारीगण शासन के निर्देशों तथा पत्रों का गंभीरता से अध्ययन कर उनके अनुरूप कार्य करना सुनिश्चित करें। एकीकृत हो चुकी शालाओं में तेरा मेरा की भावना से उपर उठकर छात्रहित में शिक्षण कार्य करें। जिले में अप्रवेशी तथा शाला त्यागी बच्चों के सर्वे ठीक प्रकार से नहीं होने से लगभग 14 हजार से अधिक बच्चे शिक्षा से वंचित है, इसकी जिम्मेदारी लेकर कार्य करना होगा। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे की परीक्षा 12 नवंबर को कक्षा 3, 5, 8 व 10 में पढ़ने वाले बच्चों की होगी। इसके लिए विशेष अध्ययन सामग्री प्रदेश स्तर से भेजी गई है, लेकिन फिर भी जिले में शिक्षकों व बच्चों को इसकी जानकारी नही होना अत्यंत दुखद है।

संवादहीनता के लिए पूरा अमला जिम्मेदार

इस संवादहीनता के लिए जिले का पुरा अकादमिक अमला जिम्मेदार है, शालाओं में जाकर इसके लिए कार्य करना जरूरी हो गया है। व्हॉट्सएप्प आधारित समूह निर्माण तथा मूल्यांकन में बच्चों की सहभागिता पर सवाल करते हुए बच्चों की सहभागिता बढ़ाए जाने पर जोर दिया।

फटकार लगाते हुए व्यवस्था सुधारने के लिए निर्देश

समीक्षा के दौरान आलोट के खंड स्रोत समन्वयक प्रदीप बैस को सर्वे में 0 रहने तथा प्रवेश में बच्चों के अंतर को लेकर फटकार लगाई तथा व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए।

शासन की योजनाओं में जिले के प्रदर्शन में कमी होना दुखद

समीक्षा बैठक में लोक शिक्षण के संयुक्त संचालक रविन्द्रसिंह ने कहा कि शासन की योजनाओं में जिले के प्रदर्शन में कमी होना दुखद है। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास कराना होगा। निरंतर शालाओं में संकुल प्राचार्य, बीईओ, बीआरसी, बीएसी व जनशिक्षक अवलोकन कर जिले के अधिकारियों को व्यवस्था की जानकारी दें तथा जिले के अधिकारी साप्ताहिक समीक्षा कर कार्य के प्रति लापरवाह कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही करें, जिससे व्यवस्था में कसावट आ सके।

निर्देशिका का किया विमोचन

निर्देशिका का विमोचन करते हुए अपर संचालक व अन्य

कार्यक्रम में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे की जानकारियों पर तैयार की गई निर्देशिका का विमोचन किया। संस्थान के प्राचार्य डॉ.नरेन्द्र गुप्ता ने संस्थान द्वारा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे को लेकर की जा रही तैयारियों व उपलब्धियों की जानकारी प्रदान की।

यह थे मौजूद

बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी के.सी.शर्मा, सहायक संचालक लक्ष्मण देवड़ा, डीपीसी मोहनलाल सांसरी, एपीसी के.एल.डोडियार, बी.एल.धमानिया, चेतराम टांक, सभी बीआरसीसी, बीएसी व जनशिक्षक उपस्थित रहे।

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