वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे कोरोना और चिंता : तीसरी लहर के लिए जांचा परखा जाएगा मेडिकल कालेज कोरोना हॉस्पिटल, इंदौर ने खींची चिंता लकीरें -

कोरोना और चिंता : तीसरी लहर के लिए जांचा परखा जाएगा मेडिकल कालेज कोरोना हॉस्पिटल, इंदौर ने खींची चिंता लकीरें

 कोरोना की दूसरी लहर में लगे लाशों के ढेर के कारण बदनाम हुआ रतलाम

 डरावनी चेतावनी का संकेत इंदौर में हुई 2 की मौत

 अनिल पांचाल
रतलाम, 21 दिसंबर। प्रदेश भर में सामरी की हवेली के रुप में चर्चित हो चुके अशुभ स्थान (मेडिकल कॉलेज) पर बुधवार को कोविड की तीसरी लहर पर चिंता होगी। प्रशासन के जिम्मेदारों द्वारा जांचा और परखा जाएगा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आ गई तो जनता की जान कैसे बचाई जाएगी ?

प्रदेश के अन्य जिलों की तरह रतलाम भी कोरोना की दूसरी लहर में लगे लाशों के ढेर के कारण बदनाम हुआ है। भला हो कि यहां कोई बड़ी नदी नहीं बहती वरना यहां भी लाशें तैरती नजर आती है और आज कोई उन लाशों के ढेरों को भूला कर उसी नदी में स्नान करने आ जाता।

डरावनी चेतावनी

कोरोना की दूसरी लहर सचमुच घातक रही। जो बच गए है वो खुद को खुदा का परमप्रिय अनुयायी मान रहे है, मगर तीसरी लहर का खतरा बरकरार है। हमारे पड़ोसी इन्दौर जिले में कोरोना प्रभावित कुछ लोगों की मौत की खबर आना भी किसी डरावनी चेतावनी का संकेत ही है। इंदौर में चिंता की लकीरें खींच दी है।

मुआवजा वितरण बना बीरबल की खिचड़ी

कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलेगा। ये भी जुमलेबाजी है। क्यूकि दूसरी लहर में दम तोडऩे वाले एक अभिभाषक को कोर्ट के निर्देश के बाद भी आज तक एक धैला नही मिलना, इसका पर्याप्त उदाहरण माना जा सकता है। करीब एक साल बाद भी स्वास्थ्य विभाग, सरकार और प्रशासन ने उक्त मामले को बीरबल की खिचड़ी बना रखा है। ऐसे में आसानी से कयास लगाए जा सकते है कि तीसरी लहर से प्रभावितों के साथ क्या होगा ?

बुधवार को होगी मेडिकल कॉलेज में बैठक

खैर, संभावित तीसरी लहर को लेकर बुधवार को मेडिकल कालेज में एक बैठक आहूत की गई है। जिसमें उन तैयारियों का जायजा लिया जाएगा, जिसमें तीसरी लहर से निपटने की तैयारिया की गई है। बैठक में चुंनिदा जिम्मेदार मौजूद रहेगे। यह सभी अपना प्रस्तुतिकरण देंगे कि तीसरी लहर से प्रभावित जनता की जान बचाने के लिए क्या क्या साधन और संशाधन रहेंगे? अब इस बैठक के बाद जनता की जान को कितना लाभ मिलेगा, ये आने वाला समय ही बताएगा ?

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