वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे सेहत सरोकार : रतलाम जिले के 275 गांव फ्लोरोसिस से प्रभावित, हड्डियां होती है कमजोर, आती है स्थाई विकलांगता -

सेहत सरोकार : रतलाम जिले के 275 गांव फ्लोरोसिस से प्रभावित, हड्डियां होती है कमजोर, आती है स्थाई विकलांगता

 डॉक्टर एमडी भारती ने फ्लोरोसिस पर विस्तार से दी जानकारी, बचाव ही है उपाय

 बैठक में कलेक्टर ने जागरूकता लाने के निर्देश दिए

हरमुद्दा
रतलाम 10 जनवरी। जिले में फ्लोरोसिस से 275 गांव प्रभावित है। फ्लोरोसिस से हड्डियों में टेढ़ापन होता है। साथ ही गंभीरता पर स्थाई विकलांगता तक आ जाती है। इनमें सर्वाधिक 160 गांव बाजना विकासखंड में है, उसके पश्चात सैलाना विकासखंड में 66 गांव है। आलोट विकासखंड में भी 19 तथा जावरा में 21 गांव फ्लोरोसिस प्रभावित है। रतलाम विकासखंड के 4 तथा पिपलोदा विकासखंड के 5 गांव शामिल है।

ऐसे टेढ़ी हो जाती है पैरों की हड्डियां और कमजोर

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जिले के फ्लोरोसिस प्रभावित ग्रामों में निवारण के लिए जागरूकता के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देशित किया। इस दौरान धार से आए रतलाम जिला फ्लोरोसिस निवारण प्रभारी डॉक्टर एमडी भारती ने फ्लोरोसिस पर विस्तार से जानकारी दी।

फ्लोरोसिस के प्रकार

दन्तीय फ्लोरोसीस में दांतों पर आडी लाइनें दिखाई देना, दांतों में सफेद पीले धब्बे दिखाई देना, दांतों में भूरा तथा कालापन दिखाई देना, लक्षण समूह में दिखाई देना अर्थात किसी एक दांत में न होकर दो या दो से अधिक दांतों में दिखाई देना, दांतों एवं मसूडों के बीच की पकड कमजोर होना। कंकालीय फ्लोरोसिस में पैरों की हड्डियों में कमजोरी तथा टेढापन, रीढ की हड्डी में अकडन तथा आगे की ओर झुकी हुई कडापन, जोडों में अकडन अथवा प्रचण्ड दर्द, कमर से नीचे अंतिम कूल्हे की हड्डी में दर्द, बच्चों एवं बूढे की भांति दिखाई देते हैं। गर्दन में अकडन, स्थाई विकलांगता।

फ्लोरोसिस से बचाव

जहां तक संभव हो फ्लोराइड बाहुल पानी का सेवन नहीं करें, दंतीय फ्लोरोसिस वाले बच्चों को दूध अधिकाधिक मात्रा में सेवन कराएं, कैल्शियम, आयरन एवं विटामिन सी एवं डी युक्त खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन कराएं जैसे दूध, दही, आँवला, इमली, हरी सब्जियां, केला आदि। घरों में वाटर हार्वेस्टिंग लगया जाए, सुपारी, तम्बाकू, काली चाय, काला नमक, फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट आदि का इस्तेमाल नहीं करें।

फ्लोराइड के स्रोत

भूमिगत जल विशेषतः अनुपचारित जमीन का पानी, हैण्डपम्प का पानी, नल अथवा कुएं का पानी, काला नमक, सुपारी, काली चाय, नींबू वाली चाय, तम्बाकू, अवसाद दूर करने वाली दवाईयां, कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाईयां, सोडियम फ्लोराइड टेबलेट रोग प्रतिरोधात्मक दवाएं, टूथपेस्ट सूत्र करने वाले एजेंट, फ्लोराइड युक्त धूल, मिट्टी, खदान, औद्योगिक प्रदूषण है।

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