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नेपाली जनता की आवाज कविताओं में मुखर

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⚫ भारत की तरह वहां भी भ्रष्ट राजनेताओं की कोई कमी नहीं है, यह सभी वहां के लेखकों की रचनाओं में आना चाहिए और कमोबेश आ भी रही हैं। रस छंद अलंकार और तुकांत कविता की दुनिया से वहां के कवि आज भी मुक्त नहां हो पाए हैं, जबकि भारत में यह विधा पुरानी और बासी पड़ चुकी है। जो भी हो साहित्य तथा कला के क्षेत्र में वहां इन दिनों नवजागरण का काल चल रहा है। समय के साथ परिस्थितियों में बदलाव अवश्य आएगा ⚫

 नरेंद्र गौड़

भारत तथा नेपाल के बीच सीमा को लेकर तमाम वाद विवादों का निपटारा आपसी बातचीत के आधार पर किया जाना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच बरसों पुराने साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संबंधों की फिर शुरूआत हो सके। वक्त का एक दौर था, जब नेपाल के साहित्यकार भारत और भारत के साहित्यकार नेपाल आया- जाया करते थे। जाहिर है वही परंपरा फिर प्रारंभ होना जरूरी है।

नेपाल के बारे में कहा जाता रहा है कि वह बेहद गरीब मुल्क है, लेकिन अब यह अवधारणा वहां की मेहनतकश जनता ने गलत साबित कर दी है। विगत एक दशक के दौरान वहां की डीजीपी ग्रोथ में आश्चर्यजनक वृध्दि हुई है और प्रगति की यह रफ्तार लगातार जारी है। साहित्य तथा संस्कृति के क्षेत्र में भी नेपाल उन्नति कर रहा है। आए दिन वहां के लेखकों की पुस्तकों का प्रकाशन हो रहा है। किताबें न केवल छप रही हैं, वरन रचनापाठ के भी आयोजन हो रहे हैं। वहां आज अनेक साहित्यिक संस्थाएं हैं, जिनके माध्यम से रचनाकार मुखर हो रहे हैं, लेकिन नेपाल की राजनीतिक स्थिति और शासन व्यवस्था अस्थिर है जो कि जनता की तकलीफों का निराकरण करने के बजाए स्वार्थ के मकड़जाल में उलझी हुई है।

भारत की तरह वहां भी भ्रष्ट राजनेताओं की कोई कमी नहीं है, यह सभी वहां के लेखकों की रचनाओं में आना चाहिए और कमोबेश आ भी रही हैं। रस छंद अलंकार और तुकांत कविता की दुनिया से वहां के कवि आज भी मुक्त नहां हो पाए हैं, जबकि भारत में यह विधा पुरानी और बासी पड़ चुकी है। जो भी हो साहित्य तथा कला के क्षेत्र में वहां इन दिनों नवजागरण का काल चल रहा है। समय के साथ परिस्थितियों में बदलाव अवश्य आएगा।

नेपाल के कुछ ऐसे चर्चित रचनाकारों की नेपाली कविताओं के हिंदी में भावानुवाद यहां प्रस्तुत हैं जो वहां के अवाम की वाणी को मुखर करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।

शोभा शाह थापा के मुक्तक

शोभा शाह थापा

एक

मातृ भूमि के प्रति
सच्चा प्रेम रखने वाले
सपूतों को मेरा नमन
शहादत का अमर वरदान पाने वाले
सपूतों को मेरा सलाम
देश के गद्दारों को मैं
अपने सैंकड़ों जन्मों तक
प्रभु ! धिक्कारती रहूंगी
भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता के
गीत गाने वाले बेटों को
मेरा सलाम।

दो

मेरे देश की शासन
व्यवस्था कुछ इस कदर है
कि यहां पढ़े- लिखे
डिग्रीधारी युवाओं की हालत
मजदूरों से भी
बदतर हो चुकी है
अपना घर और खेत बेचकर
नौकरी पाने के लिए अनेक
उच्च डिग्री प्राप्त युवा
खाड़ी के देशों में जा रहे हैं
वहीं डकैत भ्रष्टाचारी अपराधी
देश के गद्दार आज
सत्ता चलाते हुए राजसी वैभव का
सुख भोग रहे हैं।

कैसे मनाऊं महिला दिवस ?

महिला दिवस कैसे मनाऊं
जन्म देने के पहले
लिंग की पड़ताल हो रही है और
भ्रण अवस्था में ही
बेटियों को मार दिया जाता है
ऐसे में कैसे मनाऊं महिला दिवस

लोग कुसंस्कृति और कुसंस्कारों के
बंधनों में फंसते जा रहे हैं
ऐसे में कैसे मनाऊं
मैं महिला दिवस ?

दिन के उजाले में
नाबालिग बेटी के
बाप से लुटने के इस निर्मम समय में
मैं कैसे महिला दिवस मना सकती हूं ?

न्याय मिले बिना
अनेक निर्मला भागीरथी की आत्मा
तड़प के दौर में दिन काट रही
ऐसे में मैं महिला दिवस कैसे
मना सकती हूं ?

दहेज के कारण जबकि
कई लड़कियां जिंदा
जलाई जा रही हैं
और आत्महत्या कर रही हैं
ऐसे में कैसे मैं महिला दिवस मनाऊं ?

विदेशी कालकोठरी में
हमारी सैंकड़ों बहनें
बलात्कार की शिकार हो रहीं
मैं महिला दिवस कैसे मना सकती हूं ?

न्याय के नाम पर अत्याचार
कर रहे हैं देश के गद्दार
ऐसे में मुझे माफ कर दो!
महिला दिवस की शुभकामनाएं
मैं किसी को देना और
लेना भी नहीं चाहती
क्योंकि आज नारी और
मेरे देश की अस्मिता दोनों
संकट की घड़ी में हैं।

बीना रोका की रचनाएं

बीना रोका

नारियों के प्रति

महिलाओं सचेत हो जाओ
आज हम सक्षम हैं
किसी के सामने
नहीं झुकेंगी हम

हम क्रांति का बिगुल
फूंक सकती हैं
संदेश फैलाकर
व्यवस्था में आमूल चूल
परिवर्तन कर सकती हैं

आत्मनिर्भर जो बन चुकीं
उन महिलाओं से प्रेरणा लो
स्त्री का प्रेम अनबूझ
पहेली नहीं रहा अब
बहू का दर्जा भी
बेटी से कम नहीं है
वह घर परिवार की लक्ष्मी है

महिला यातना
अत्याचार के दिन अब
लद चुके हैं क्योंकि
आज महिलाएं अपने
अधिकारों को लेकर सड़कों पर
निकल चुकी हैं और
बदलाव परिवर्तन की यह
बयार लगातार बह रही है।

गजल

कांटों पर कदम रखा है
तुमने सभी को
खुशियां बांट दी और
पसीना बहाने के लिए तुम
एक अजनबी धरती पर
चले गए हो
पैसा कमाने के लिए
दिल पर पत्थर रखना
पड़ता है और आप
एक खुशहाल जीने के लिए
हर तरह की जंग में हो
कहा भी है कि बिना मरे
स्वर्ग नहीं मिलता
अपने परिवार को सुखी
बनाने के लिए आपको
रात- दिन दुखी रहना पड़ता है
विदेश में दूसरों के लिए
काम करना इतना आसान नहीं
उस काले धन में
नमकीन आंसू भरे पड़े हैं
आप अपने बीवी बच्चों को
पैसे इसलिए भेजते हो
ताकि उनका जीवन सुखी हो
लेकिन याद रखो
एक दिन जब तुम लौटोगे
तब तुम्हें लगेगा कि तुम
दोनों घर खो चुके हो।

मुक्तक

मेरा कहना है
मैं रोता नहीं हूं
लेकिन नहीं पता क्यों
मेरी आंखें आंसुओं का ताल
बन जाया करती हैं
आंसुओं को पोछते हुए
मेरे चेहरे की मुस्कान
एक अजूबे की तरह लगती है
क्हा भी है कि प्यार में
गम और खुशी दोनों होते हैं
इसीलिए आंसू आंखों में
दिल की धड़क पहचानते हुए
श्रृंगार की तरह सजे रहते हैं।

विदुर अधिकारी की कविताएं

विदुर अधिकारी

शादी का दिन

आज याद आ गया
वह अनमोल प्यार
जिस दिन वादा किया था
आज के दिन आपका
सजा हुआ सोना शुध्द होता है
और यह सिंदूर सदा
चमकता रहे
सत्कर्मो के क्षेत्र में
इस दिन हम और हमारा प्यार
प्रार्थना करते रहें।

मुक्तक

कोई ध्यान नहीं
हम तुमसे बहस करेंगे
कोई प्यास नहीं है
योजनाओं का
छिड़काव किया जाएगा

उसमें कोई योग्यता नहीं है
लेकिन फिर भी
चाहत रखता है
कोई सृजन नहीं है
सभ्यता उसे संचारित करती है

कोई रोल नहीं है
लेकिन फिर भी
चमक उठना होगा
फिर से मंच पर
यह एक अफवाह
फैल रही है।

यह वही हैं
जो देने के लिए कहते हैं
यह कहता है कि-
इसे ले लो!
चौंक जाएगा
उड़ा दिया जाएगा।

मैं कहता हूं
मैं बड़ा हूं
कड़वाहट रो रही है
वैंकेंसी निकलेगी
अंत में रोता है।

कमला खड्का की कविता

कमला खड्का

आप बताओ

oअब ही बताओ
तुम्हें देखने का तरीका क्या है ?
मैं भी तुम्हें प्यार करती हूं
और तुम्हारी पूजा भी
मेरे मन में आपके लिए
बहुत सम्मान है और इज्जत भी
इस दिल में गहरा प्यार है
लेकिन यह रिश्ता कैसा है ?
हो सके तो जरा इसे
परिभाषित करो
मुझे ऐसा तो लगता नहीं
आप मेरी बात तुरंत समझ गए
मुझे तो लगता यही
मेरे दिल की धड़कन मिल गई
आपके अलावा नहीं अब
कोई नहीं नहीं।

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