पूर्व मुख्यमंत्री की जनसभा में शहरीजन को सभा स्थल तक ले जाने में नाकारा सिद्ध हुए जिम्मेदार, जिन्हें मिल रहा है मुफ्त, उन्हें पढ़ाया महंगाई का पाठ
⚫ मध्यप्रदेश में कांग्रेस आत्मनिर्भर है, उन्हें किसी प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं
⚫ ग्रामीण क्षेत्र से बसों में भरकर लाए गए लोगों ने रख ली लाज
हरमुद्दा
रतलाम 22 अप्रैल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ में शुक्रवार को अंबेडकर भवन ग्राउंड पर जनसभा की। मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस आत्मनिर्भर है उन्हें प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं है। वह पिछले 6 महीने से चुनाव की तैयारी में तल्लीन है। महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी उन्होंने अपनी बात कही। लेकिन रतलाम शहर में चल रहे इस्तीफे के मुद्दे पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि यदि कहीं कुछ दिक्कत है तो उसका समाधान बैठकर करेंगे।
खास बात यह रही कि जनसभा में अधिकांश संख्या उन ग्रामीणों की थी जो शासकीय योजनाओं का लाभ ले रहे हैं और महंगाई का असर उनकी सेहत पर नहीं हो रहा है। राशन, गैस, मकान, स्वास्थ, दवाई मुफ्त में दिया जा रहा है। उन हजारों ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की जितनी योजनाएं चल रही है, उसका आधा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। महंगाई के कारण आमजन का जीना दुश्वार है। बेरोजगारी के कारण युवा वर्ग परेशान हैं। जबकि हकीकत यही है कि गरीब और ग्रामीणों के लिए योजनाएं चलाई जा रही है और उनका लाभ प्राथमिकता में दिया जा रहा है।
शहरी लोग नदारद
मजेदार बात तो यह रही कि जनसभा में शहर के लोग लगभग नदारद ही रहे। यहां तक की जो अभी पदाधिकारी बनाए गए हैं, वह भी पूरे मौजूद नहीं थे। इसमें भी वही लोग नजर आ रहे थे जिनको भविष्य में पार्षद का टिकट लेना है। रतलाम शहर के रहने वालों ने महंगाई सहित अन्य मुद्दे पर कमलनाथ की बात को सुनने के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई। या यूं कहें कि शहर के लोगों को सभा स्थल तक ले जाने में जिम्मेदार नाकारा सिद्ध हुए हैं। शहरी के लिए कोई जगह नहीं थी। एक बानगी तो ऐसा लग रहा था कि जनसभा केवल आदिवासियों और ग्रामीण जनों के लिए ही की गई थी। दूरदराज के क्षेत्रों से बसों और चार पहिया वाहनों के माध्यम से सभा स्थल पर लाया गया था। ग्रामीण तमतमाती तेज धूप में बैठे रहे। उल्लेखनीय बात तो यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों को पेयजल के लिए सैलाना विधायक हर्ष विजय गहलोत के नाम लिखे हुए तीन टैंकर मौजूद थे जिससे ग्रामीण जन अपनी प्यास बुझा रहे थे। यानी कि भीड़ जुटाने और उनको पानी पिलाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की थी।
… और हो गई धक्का-मुक्की भी
सभा स्थल पर ही किसान नेता डीपी धाकड़ अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री को लहसुन की माला पहनाने के लिए मंच पर जाने लगे तो उन्हें व समर्थकों की भी रोका। इस दौरान धक्का-मुक्की भी हो गई और धाकड़ अपनी माला पहनाने की अभिलाषा पूरी नहीं कर पाए।
ऐसी थी सुरक्षा व्यवस्था
सभा स्थल पर जाने के लिए मेटल डिटेक्टर भी लगाया गया था लेकिन मेटल डिटेक्टर के पास ही इतनी जगह थी कि आसानी से लोग आवागमन कर सके। इच्छा थी वह मेटल डिटेक्टर से जा रहे थे। बाकी दूसरे रास्ते से जा रहे थे। वहां पर कोई ध्यान देने वाला नहीं था याने कि सुरक्षा व्यवस्था को धता दिखाई जा रही थी।