बुद्ध जयंती पर विशेष : तुम भी बन जाओगे बुद्ध, भावों को रखो वश में

⚫ डॉक्टर नीलम कौर

शीतल चाँदनी ने
बहकर किया आह्वान
मन शुद्ध हो तो
तुम भी बन जाओगे बुद्ध


भावों को वश में रखो
व्यक्तिशः रंजिश से
दूर रहकर भाईचारे का
भाव प्रेषित करो
बाहर को भीतर तक
महसूस करो
तुम भी बन जाओगे बुद्ध

ताप, द्वेष, घृणा, लोभ,मोह
का त्याग कर आवरण
माटी की चादर ओढ़
रूह पाक-पावन रखो
भटकते विचारों को
इंद्रजीत बन कस कर रखो
तुम भी बन जाओगे बुद्ध

संसार असार है
सार इसमें ढूंढ लो
जो दृश्य में अदृश्य को
महसूस लो
आत्मा हो मान लो
परमात्व में
लीन होना जान लो
तुम भी बन जाओगे बुद्ध

डॉक्टर नीलम कौर

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