हत्या या हादसा : दिव्यांग भाई और मां के लिए 2 जून की रोटी का इंतजाम करने वाले छात्र बेटे की मौत

⚫ 18 वर्षीय बेटे ने इसी वर्ष की थी 12वीं के परीक्षा उत्तीर्ण

⚫ मामा का आरोप हादसा नहीं, यह है हत्या

हरमुद्दा
भोपाल, 31 जुलाई। वह पढ़ लिखकर परिवार के लिए कमाना चाहता था। इसीलिए वह गांव से राजधानी का सफर तय करके आया था। इसी साल उसने 12वीं की परीक्षा पास की और काम धंधा भी करता था क्योंकि वह मां और उसके दिव्यांग भाई के लिए 2 जून की रोटी का इंतजाम भी करता था। उसकी हत्या हुई है या हादसे में जान गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।

हादसा अथवा हत्या की घटना हुई है 18 वर्षीय करण उराव के साथ। वह भोपाल के अयोध्या नगर इलाके में दूसरी मंजिल से गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा।

रायसेन जिले के आलमपुर का था रहने वाला

18 साल का करण रायसेन जिले के आलमपुर का रहने वाला था। उसने इसी वर्ष 12वीं की परीक्षा पास की और वह पढ़ाई के साथ प्राईवेट जॉब भी करता था। करण पर ही मां और दिव्यांग भाई की जिम्मेदारी थी। वह काम करके पैसा कमाना चाहता था और पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी की तमन्ना की थी।

इलाज के दौरान हो गई मौत

वह अयोध्या नगर के फेज टू इलाके के एक मकान में काम कर रहा था। तभी काम करते समय वह दूसरी मंजिल की छत से नीचे गिर गया। साथी कर्मचारी उपचार कराने के लिए उसे हमीदिया अस्पताल ले गए। अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

मामले को दबाने में लगे हैं पुलिस और ठेकेदार

मृतक के मामा राजेश का आरोप है कि पुलिस और ठेकेदार मिलकर मामले को दबाने में लगे हैं। मामा ने आरोप लगाया कि जिस जगह करण गिरा, वहां खून का कोई निशान तक नहीं है। साथ ही उसके शरीर पर भी चोट नहीं है। इसकी जांच की जानी चाहिए कि मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई।

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