कर दिए गए दर्जनों बेरोजगार : अब चला नगर निगम के सामने जेसीबी का पंजा, रोजी रोटी की पेढ़ी को उजाड़ा
⚫ बेरोजगारों का कहना 40 साल से थी दुकान, नगर निगम वसूल कर रहा था किराया
⚫ कोरोना काल का किराया पेनल्टी के साथ वसूला
⚫ गोल्ड पार्क के लिए प्रशासन कर रहा राह आसान
⚫ पुलिस चौकी के आसपास थी सभी दुकानें
हरमुद्दा
रतलाम, 18 नवंबर। जिला प्रशासन ने गोल्ड पार्क के लिए राह आसान करते हो गए नगर निगम के सामने बरसो पुराने दुकानदारों की दुकानों को उजाड़ दिया। जेसीबी का पंजाब चल रहा था तो इधर व्यापारियों का आक्रोश बढ़ रहा था। उनकी कोई सुनने वाला नहीं था। दुकानदारों का कहना था कि 40 सालों से दुकान कर रहे हैं 20 सालों से नगर निगम किराया वसूल रहा है। कोरोना काल का किराया नगर निगम ने पेनल्टी के साथ वसूल किया। दर्जनों दुकानें पुलिस चौकी के आसपास ही चल रही थी।
नगर निगम के सामने शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय परिसर के पास से लेकर गांधी उद्यान तक दर्जनों दुकानें सालों से चल रही थी। कोई पंचर बनाने वाला था, तो कोई ऑटो पार्ट्स बेचने वाला, फोटो कॉपी करने वालों तो फोटो बनाने वाला, चाय पिलाने वाला, तो बैंड बजाने वाला मोबाइल की एसेसरीज बेचने वाले, तो पान बेचने वाले, सब के सब एक झटके में हटा दिए गए। प्रशासन का कहना था कि यह सभी अतिक्रमण है।
शुक्रवार को सुबह शहर एसडीएम संजीव केशव पांडे पुलिस बल के साथ जेसीबी लेकर पहुंचे और गोल्ड पार्क की राह में आने वाली दुकानों को हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान कच्ची पक्की दुकानों को जेसीबी की मदद से तोड़ा गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन और नगर निगम प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
सामान तो बचाने दो कहते हुए हो गया आक्रोशित एसडीएम के समक्ष
अपनी मेहनत और हाथों से जिन दुकानों को संवारा था, जहां से दो वक्त की रोटी मिलती थी, उनको तहस नहस होते देख एक युवक इतना आक्रोशित हो गया कि एसडीएम के समक्ष जोर से चिल्लाने लगा सामान तो बचाने दो। युवक की हरकत देख एसडीएम तैश में आए और कहने लगे ऐसे कैसे बात करते हो, चिल्लाओगे हमारे ऊपर। तभी दो पुलिसकर्मी भी आ गए और युवक को पीछे धकेलते हुए, उसे शांत किया। जेसीबी का पंजा लगातार चलता रहा। महापौर के पूर्व निवास के पीछे भी अतिक्रमण तोड़ा गया जहां पर लोग मकान बनाकर रह रहे थे। जेसीबी का पंचायत चलाने के पूर्व अधिकारियों ने सामान बचाने की मोहलत दी। लेकिन इस दौरान कांग्रेस नेताओ के आने के बाद उन्होंने नेतागिरी शुरू की तो प्रशासन पावर में आया और जेसीबी का पंजा चलता गया और लोगों का आक्रोश फैलता गया।
अब क्या करेंगे, कहां जाएंगे, क्या खाएंगे?
40 साल से चाय नाश्ता की दुकान चलाने वाले राजेंद्र कुमार जैन ने हरमुद्दा को बताया कि प्रशासन ने हमारी रोजी-रोटी छीन ली इतने सालों से उन्हें अतिक्रमण नजर नहीं आया। अब अचानक अतिक्रमण की हद में लाकर हटा दिया गया अब हम कहां जाएंगे, क्या करेंगे, क्या खाएंगे।
40 से 42 साल से है दुकान, नगर निगम वसूल रहा है किराया
व्यापारी कन्हैयालाल राठौड़ ने बताया कि 40 42 साल से दुकान चल रही है और करीब 20 साल से नगर निगम किराया भी वसूल रही है जब नगर निगम कंप्यूटराइज्ड हुआ तो कंप्यूटर से रसीदें मिलने लगी। यहां तक की कोरोना काल में दुकानें बंद होने के बावजूद व्यापारियों से किराया भी पेनल्टी के साथ वसूल किया। सभी दुकानों में बिजली के मीटर भी हैं। श्री राठौड़ का कहना है कि हमारा तो प्रशासन से यही निवेदन था कि गोल्ड पार्क का निर्माण पीछे चलता रहे, जब पूर्ण हो जाएगा तो हम अपनी दुकानें हटा लेंगे, हमें भी अन्यत्र जगह तलाशने और अपनी दूसरी दुकान शुरू करने का अवसर मिल जाता, लेकिन प्रशासन ने नहीं मानी।
14 नवंबर को ही दिए हैं आदेश कलेक्टर ने
उल्लेखनीय है कि 14 नवंबर को ही कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने निर्देश दिए कि रिडेंसिफिकेशन कार्य के तहत रतलाम शहर में निर्मित किए जाने वाले गोल्ड पार्क के लिए चिह्नित भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शहर तहसीलदार तत्काल करें।