आखिरकार मिल गया कब्जा प्रशासन को : लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद छुड़ाई गई अरबों की भूमि, 8 घंटे तक चली कार्रवाई

⚫ नार्थ इण्डिया चर्च ट्रस्ट का था बेशकीमती भूमि पर दशकों से कब्जा

⚫ अक्टूबर में भी की गई थी कार्रवाई कब्जा लेने की

⚫ भवन गिराने से पहले सामान निकालने की छूट

⚫ जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर निगम अमला था मौजूद

हरमुद्दा
रतलाम, 16 फरवरी। शहर के बीचोचीच रतलाम स्थित बहुमूल्य भूमि का आधिपत्य गुरुवार शासन ने वापस प्राप्त कर लिया है। सर्वे नम्बर 87 में से क़रीब ढाई हेक्टेयर भूमि पर नार्थ इण्डिया चर्च ट्रस्ट ने अपनी भूमि बताते हुए वर्षों से अवैध रूप से क़ब्ज़ा किया था जिसे लेकर माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय ज़िला न्यायालय में उनके द्वारा शासन के विरूद्ध प्रकरण दायर किया गया था। उक्त प्रकरण में शासन पक्ष की ओर अपना पक्ष मज़बूती से रखा गया था। परिसर में बने भवनों को गिराने के पहले वहां पर निवासरत लोगों को सामान निकालने की परमिशन दी गई थी। कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर निगम का हमला कार्रवाई को अंजाम दे रहा था।

जेसीबी का पंजा कार्रवाई करते हुए

गुरुवार को सुबह 6:00 बजे जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और नगर निगम अमला सैलाना बस स्टैंड स्थित फर्स्ट चर्च से लगे हुए परिसर पर जेसीबी लेकर पहुंचा। शहर एसडीएम संजीव केशव पांडे, शहर पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान, तहसीलदार अनिता चाकोटिया, पटवारी तेजवीर सिंह सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में परिसर में बने पुराने भवनों को गिराने की कार्रवाई शुरू की गई। भवन गिराने के पूर्व प्रशासन ने निवासरत लोगों को सामान निकालने की छूट दी नगर निगम अमले के कर्मचारियों ने फटाफट उनके साथ सामान निकाला और भवनों को जमींदोज कर दिया।

भवन जमींदोज करने के पहले निकाला गया सामान

13 फरवरी को कर दिया था दावे को निरस्त

13 फरवरी को माननीय न्यायालय ने प्रश्नाधीन भूमि को शासन की भूमि बताते हुए ट्रस्ट के दावे को निरस्त कर दिया था। इसके उपरान्त 16 फरवरी को ज़िला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सम्पूर्ण परिसर क्षेत्र स्थित खण्डहरनुमा अस्पताल, ओपीडी भवन सहित 7-8 मकानों की भूमि पर अपना आधिपत्य प्राप्त कर लिया है।

लगभग 400 करोड़ रुपए की है जमीन

माननीय उच्च न्यायालय से जिन 33 रहवासियों ने स्थगन आदेश प्राप्त किया था, उसमें किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया गया है। अतिक्रमण से मुक्त भूमि का अनुमानित बाज़ार मूल्य क़रीब 350 से 400 करोड़ रुपए आंका गया है।

8 घंटे तक लगातार चली कार्रवाई

निगम अमला कार्य करते हुए

अतिक्रमण हटाने की मुहिम सुबह 6 बजे प्रारम्भ हुई और दोपहर 2 बजे तक चली। इस अभियान में 3 पोकलेन, 4 जेसीबी, 4 ट्रक और नगर निगम के कई ट्रैक्टरों का उपयोग किया गया। इस संयुक्त अभियान में राजस्व अमले के अतिरिक्त पुलिस, नगर निगम, होम गार्ड और विद्युत विभाग के क़रीब 150 अधिकारी-कर्मचारियों ने सक्रिय सहभागिता की।

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