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साहित्य सरोकार : ‘रोटी और संसद’ से ‘फागुन के निराले अंदाज़’ की बहेगी बयार

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⚫ ‘सुनें-सुनाएं’  का छठा सोपान 5 मार्च को

हरमुद्दा
रतलाम, 4 मार्च। शहर में रचनात्मक वातावरण को बढ़ाने और लोगों में रचनात्मकता के प्रति लगाव पैदा करने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए आयोजन ‘ सुनें सुनाएं’  का छठा सोपान 5 मार्च , रविवार को होगा। जी.डी.अंकलेसरिया रोटरी हाल (एनैक्सी प्रथम तल ), रतलाम पर प्रातः 11 बजे से शुरू होने वाले इस आयोजन में ‘रोटी और संसद’ से ‘फागुन के अंदाज़ निराले’ की बयार महसूस की जा सकेगी।

निर्धारित समय पर प्रारंभ होने वाले और तय समय सीमा में पूर्ण होने वाले इस आयोजन के छठे सोपान में शहर के रचनाप्रेमियों द्वारा अपने पसंद के रचनाकारों की रचनाओं को प्रस्तुत किया जाएगा। आयोजन में श्री नरेन्द्र सिंह डोडिया द्वारा धूमिल की कविता ‘ रोटी और संसद ‘ का पाठ , डॉ. कारूलाल कला-मोहन जमड़ा द्वारा  डॉ. चंद्रपाल सिंह सिकरवार की रचना ‘अभी तो बहुत काम करने हैं मुझको’  का पाठ, श्री संजय परसाई ‘सरल’ द्वारा  श्री गोपाल दास ‘नीरज’ की कविता ‘है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए ‘  का पाठ,श्री मनकामेश्वर जोशी द्वारा श्री पीरूलाल ‘ बादल’ की कविता ‘ अगम का झूला पछम जाए’  का पाठ, श्री रामप्रताप सिंह राठौर द्वारा श्री दिनकर सोनवलकर की कविता ‘परिवार सरिता ‘ का पाठ, श्रीमती रश्मि पंडित द्वारा डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला की कविता ‘ पिता’  का पाठ, श्री नीरज कुमार शुक्ला द्वारा श्री रमेश मिश्र ‘आनंद’  की रचना ‘फागुन के अंदाज़ निराले’ का पाठ किया जाएगा।

सुधिजनों से आयोजन में उपस्थित होने का आग्रह

उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की अवधि एक घंटा तय है। इसमें 45 मिनट  रचनाओं का पाठ और 15 मिनट रचनाओं पर सार्थक विमर्श होता है। आयोजन में कोई भी अपनी रचना नहीं पढ़ता है । अपने प्रिय रचनाकार की रचना भी बगैर किसी भूमिका के प्रस्तुत की जाती  है। ‘सुनें सुनाएं’ के सभी साथियों ने नगर के सुधिजनों से इस आयोजन में उपस्थित होने का आग्रह किया है।

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