मदद की पुकार हुई स्वीकार : चिकित्सक ने बंद कर दिया पिता का उपचार, बेटी हुई लाचार, कलेक्टर को लगाई गुहार, वे बने मददगार, फिर शुरू हुआ उपचार
⚫ कलेक्टर पहुंचे अस्पताल, पिता के पूछे हाल-चाल, 25 हजार का चेक दे दिया तत्काल
⚫ दुर्घटना में हो गए थे पिता घायल
⚫ काफी खर्च होने के बाद भी दो लाख बकाया थे निजी चिकित्सालय के
हरमुद्दा
रतलाम, 20 मार्च। पिता दुर्घटना में घायल हो गए थे। निजी चिकित्सालय में उपचार चल रहा था। रुपए खत्म हो गए। तकरीबन दो लाख बकाया हो गए। इसलिए उपचार बंद कर दिया। लाचार बिटिया तत्काल कलेक्टर के पास गुहार लगाने गई। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी मददगार बने। मदद की पुकार स्वीकार हुई। फिर उपचार शुरू हुआ।
यह सब हुआ सोमवार को। बाजना क्षेत्र के इमलीपाड़ा कला की मनीषा चरपोटा कलेक्टर के पास गई। उसने बताया कि पिता भूरजी दुर्घटना में घायल हो गए थे, उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार चल रहा था। जितने रुपए थे उतने तो चुका दिए, लेकिन 2 लाख रुपए बकाया होने पर उपचार बंद कर दिया गया और पिता को आईसीयू से भी निकाल कर जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया।
आंखों में आ गई खुशी के आंसू
यह सुनकर कलेक्टर की संवेदनशीलता जागी। वे तत्काल निजी अस्पताल बालिका के साथ पहुंचे। जहां पर भूरजी का हालचाल पूछा। तत्काल रेड क्रॉस सोसायटी मद से 25 हजार का चेक भी दिया। अस्पताल प्रबंधन ने भी बकाया 2 लाख रुपए माफ करने का निर्णय लिया। तत्काल आईसीयू में भूरजी को भर्ती करवाया गया और उपचार शुरू हुआ। मदद की पुकार स्वीकार होने पर परिजन की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। कलेक्टर की संवेदनशीलता से आश्वस्त हुए।
उपचार में नहीं आने दी जाएगी रुपए की कमी
इसके अलावा अब उपचार का पूरा खर्च प्रशासन बहन करेगा। कलेक्टर ने मनीषा को आश्वस्त किया कि यदि अन्यत्र अस्पताल भी जाना हो तो निश्चिंत होकर जाएं। उपचार करवाएं। रुपए की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत जमुना भिड़े एवं सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर नानावरे भी साथ थे।