सामाजिक सरोकार : मौजूदा दौर में रूप निखारने के साथ मन निखारने के केंद्र की महती जरूरत

साहित्यकार व चिंतक नीलू उपाध्याय ने कहा

⚫ आंगन से आकाश तक स्त्रियों की सत्ता विद्यमान : जोशी

⚫ बदलते दौर में जरूरत प्री वेडिंग काउंसलिंग की : कुरूप

⚫ परिवार समाज राष्ट्र का त्रिकोण है स्त्री : शर्मा

⚫ भारतीय स्त्री शक्ति संगठन का मनाया 35 वा स्थापना दिवस

हरमुद्दा
रतलाम, 27 जून। परमात्मा ने सृष्टि की रचना का विचार किया तथा आधा वाम हिस्सा स्त्री का व दाहिना हिस्सा पुरुष के रूप में विकसित किया। भारतीय संस्कृति में नारी को कभी भी दोयम दर्जा नहीं दिया गया है। स्त्री ईश्वर का अंश है। वर्तमान में रूप निखारने के केंद्र तो बहुत है, लेकिन मन को संवारने के केंद्र कहीं नहीं है। भारतीय स्त्री शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुरातन पौराणिक काल से ही स्त्रियां शक्ति की प्रतीक हैं। स्त्रियां प्राचीन काल से ही युद्ध में जाती रही है। यह भारत का सनातन इतिहास है। स्वतंत्रता संग्राम में भी महिलाओं की अहम भूमिका रही है।

यह विचार साहित्यकार व चिंतक नीलू उपाध्याय ने व्यक्त किए। साहित्यकार उपाध्याय भारतीय स्त्री शक्ति संगठन के 35 वें स्थापना दिवस के आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थी।

आंगन से आकाश तक स्त्रियों की सत्ता विद्यमान : जोशी

मुख्य वक्ता प्रांत संगठन मंत्री राजश्री जोशी उज्जैन ने कहा कि महिलाओं को अपनी शक्ति को पहचानना होगा। आंगन से आकाश तक स्त्रियों की सत्ता विद्यमान है। वर्तमान की विकृतियों पर आवाज उठाकर हम भविष्य के शक्ति तत्व को सशक्त बना सकते हैं। संगठन में कार्यकर्ता की अहम भूमिका होती हैं। अपनी कथनी और करनी में अंतर नहीं आने देना चाहिए।

बदलते दौर में जरूरत प्री वेडिंग काउंसलिंग की : कुरूप

विशेष अतिथि मुंबई से आई डॉ. पार्वती कुरूप ने कहा कि स्त्रियों के भविष्य व जीवन को सुरक्षित करने के लिए विवाह प्रणाली पर भी ध्यान देना आवश्यक है। प्री वेडिंग व पोस्ट वेडिंग काउंसिलिंग करना चाहिए। साथ में परिवारजनों की भी करना चाहिए। इससे स्त्री जीवन संबंधी अपराध समाप्त होंगे। स्वास्थ्य परीक्षण के साथ विचार, व्यवहार की दक्षता पर कार्य करना परम आवश्यक है।

परिवार समाज राष्ट्र का त्रिकोण है स्त्री : शर्मा

अध्यक्षता कर रही पूर्व शिक्षा अधिकारी डा. सुलोचना शर्मा ने कहा कि स्त्री परिवार,समाज व राष्ट्र का वह त्रिकोण है, जिससे हर समाज व देश की उन्नति संभव है।

वर्षभर की गतिविधियों पर डाला प्रकाश

रतलाम इकाई की अध्यक्ष सविता तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्षभर के कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। अतिथियों का स्वागत निर्मला उपाध्याय ने स्मृति चिह्न व दुपट्टे से किया। कार्यक्रम का शुभारंभ रश्मि व्यास व वैशाली व्याधम्बरे ने संगठन गीत से किया।

यह थे मौजूद

समारोह में मौजूद संगठन से जुड़े सदस्य

समारोह में प्रेमलता जैन, कर्नल रेवा शर्मा, कल्पना राजपुरोहित, सुनीता साखी, प्रतिभा चांदनीवाला, डा. गीता दुबे, डा. अनुभा कानड़े, सुनंदा पंडित, डा. शोभना तिवारी, सुनीता पाठक, सीमा अग्निहोत्री, जयश्री राठौर, प्रीति शर्मा, भारती तिवारी, विनीता नागाैरी, जयश्री व्यास, जयश्री पंचारिया, ज्योति शर्मा, कीर्ति पंचोली, कृष्णा क्षोत्रिय, पुष्पलता शर्मा, किरण चौहान, पुष्पेंद्र आदि उपस्थित रहीं। संचालन जयश्री शर्मा ने किया। आभार सारिका शर्मा ने माना।

फोटो : राकेश पोरवाल

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