धर्म संस्कृति : आध्यात्मिक रूप से स्वतंत्र नहीं है आमजन, छोटी-छोटी बुराइयों से है घिरा

सेवा केंद्र की संचालिका बीके सविता दीदी ने कहा

डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र में मनाया गया रक्षाबंधन उत्सव

उत्सव के बाद उपहार के रूप में मौजूद नहीं भेंट की अपनी बुराई

बीके बहन ने बांधी राखी, दिया संदेश पत्र

हरमुद्दा
रतलाम, 1 सितंबर। सभी का उद्देश्य यही रहता है कि आम जन के मन मन में आध्यात्मिकता की अलख जगाएं। विडंबबना है कि व्यक्ति समाज में धार्मिक, सामाजिक आर्थिक रूप से भले ही स्वतंत्र है, मगर आध्यात्मिक रूप से वह स्वतंत्र अनुभव नहीं कर पा रहा है, क्योंकि वह छोटी-मोटी बुराइयों में घिरा हुआ है। स्वतंत्र रहना चाहता है लेकिन उसे बंधन युक्त जीवन भी उसे चाहिए।

यह विचार ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र की संचालिका बीके सविता दीदी ने व्यक्त किए।

दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है सहनशक्ति

बीके सविता बहन गुरुवार की शाम को रक्षाबंधन उत्सव के तहत आम और खास को संबोधित कर रही थी। उनका कहना था कि आजकल व्यक्ति की सहनशक्ति दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। जीवन को दुख में बना लिया है। सुविधा सब कुछ है लेकिन दुखी है। विडंबना यह है कि मनुष्य तन से ज्यादा मन से बीमार है।

हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने से होगा कल्याण

यदि सुखी रहना है तो स्वयं में परिवर्तन लाना होगा। तभी विश्व में परिवर्तन हो सकेगा। सोच से सितारे चमकेंगे। नजर से नजारे बदल जाएंगे। हर परिस्थिति में सकारात्मक रहेंगे तो कल्याण होना सम्भव है। मन की शांति मिलेगी। जीवन में उत्साह और उमंग रहेगा।

आतुर रहिए प्रभु के अलौकिक बंधन में बंधन के लिए

सविता दीदी ने कहा कि मनुष्य कितने ही बंधनों से मुक्त हो जाए, लेकिन प्रभु के बंधन से कभी भी मुक्त नहीं हो सकता। प्रभु से तो आपका जीवन बंधन युक्त ही रहेगा। प्रभु आपके सुखी जीवन के लिए केवल आपसे आपकी बुराई मांगता है और आपकी भलाई और अच्छाई चाहता है। आप अपने आप को प्रभु के हवाले कीजिए। प्रभु के अलौकिक बंधन में बंधने को आतुर रहिए।

बांधे रक्षा सूत्र, ली सबसे से उनकी बुराई

आयोजन में बीके सविता दीदी ने मौजूद सभी के कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधे। बीके गीता दीदी ने तिलक लगाया। बीके आरती दीदी ने मिठाई दी। मौजूद लोगों से उपहार के रूप में उनके संकल्प के साथ बुराई ली, ताकि वह बुराई मुक्त जीवन जीए और औरों को भी जीने के लिए प्रेरित करें। इसके साथ ही उन्होंने संदेश पत्र भी भेंट किया। आयोजन में पत्रकारों के साथ आमजन भी मौजूद थे। ब्रह्मा कुमार हर्षित भटनागर, हरिओम आदि ने सेवाएं दी। भोजन प्रसादी के बाद आयोजन का समापन हुआ।

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