सामाजिक सरोकार : प्रशंसा के पुल के नीचे बहती है स्वार्थ की सरिता
⚫ जन्मदिवस के मौके पर प्रो. हाशमी ने शिष्यों को दी सीख
⚫ शिष्य समुदाय द्वारा अनौपचारिक समारोह
हरमुद्दा
रतलाम,13 जनवरी। समय के पांव नहीं होते, पंख होते है। समय को काटा नहीं जा सकता, छांटा और बांटा जा सकता है, इसलिए अपने जीवन के एक एक पल का सदुपयोग करें। कोई अपरिचित व्यक्ति यदि अचानक से आपकी प्रशंसा करने लगे, तो सावधान हो जाईए,क्योंकि ऐसी प्रशंसा के पुल के नीचे स्वार्थ की सरिता बहती है।
ये सीख प्रख्यात साहित्यकार एवं मनीषी प्रो. अजहर हाशमी ने अपने जन्मदिवस के मौके पर स्वागत करने आए अपने शिष्यों को दी।
प्रो.अजहर हाशमी के 74 वें जन्मदिवस के मौके पर महाविद्यालय विद्यार्थी परिवार और प्रो. हाशमी के शिष्य समुदाय द्वारा उनके निवास इंदिरा नगर पर एक अनौपचारिक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें हाशमी जी के अनेक शिष्य शामिल हुए। शिष्यों ने पुष्पहारों से प्रो. हाशमी का अभिनन्दन किया और जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी।
जीवन के प्रत्येक पल का करें सदुपयोग
अपने अभिनन्दन का उत्तर देते हुए प्रो.हाशमी ने अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने शिष्यों को देते हुए उन्हे झूठी प्रशंसा से सतर्क रहने और जीवन के प्रत्येक पल का सदुपयोग करने की सीख दी।
साहित्य के क्षेत्र में प्रोफेसर हाशमी की लेखनी ने रतलाम को किया विश्व प्रसिद्ध : सक्सेना
शिष्य समुदाय की ओर से केंद्रीय विद्यालय देवास की नंदिनी सक्सेना ने प्रोफेसर अजहर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेंव, साड़ी और सोने के लिए ही रतलाम प्रसिद्ध नहीं है अपितु साहित्य के क्षेत्र में साहित्यकार अजहर हाशमी की लेखनी के चलते वह देश ही नहीं विश्व में प्रसिद्ध है। प्रोफेसर हाशमी का सान्निध्य गौरव और गर्व की अनुभूति कराता है। ऐसे मार्गदर्शी गुरु के कारण ही शिष्य समुदाय सर्वांगीण विकास कर रहा है। इस ऋण से शिष्य समुदाय कभी उऋण नहीं हो सकता।
यह थे उपस्थित
इस मौके पर विद्यार्थी परिवार के संयोजक सतीश त्रिपाठी, पत्रकार तुषार कोठारी, हेमंत भट्ट, कमलसिंह जाधव, आरिफ कुरैशी, नीरज शुक्ला, भरत गुप्ता, अदिति मिश्रा, सिकन्दर पटेल, के साथ डॉ. अनिला कंवर, डॉ. प्रवीणा दवेसर, नन्दिनी सक्सेना, अदिति दवेसर, ओमप्रकाश नागर, श्रीमती सुरेखा नागर, श्रीमती स्मिता शुक्ला इत्यादि उपस्थित थे।