साहित्य सरोकार : भरोसा और विनम्रता ही रचते हैं बेहतर संसार
⚫ ‘सुनें सुनाएं’ के उन्नीसवें सोपान में पढ़ी गई पसंदीदा रचनाएं
हरमुद्दा
रतलाम, 7 अप्रैल। रचनाओं की विविधता ही बेहतर संसार रहती है । इससे रचनाओं के विविध स्वरूपों के प्रति हमारा रुझान भी अभिव्यक्त होता है। भरोसेमंद मित्र और विनम्रता जीवन में सुखद अहसास करवाते हैं। यह सिलसिला निश्चित रूप से शहर के रचनात्मक वैभव में वृद्धि करेगा।
यह विचार रचनात्मक वातावरण तैयार करने के लिए शहर में प्रति माह होने वाले आयोजन ‘ सुनें सुनाएं ‘ में व्यक्त किए गए। ‘सुनें सुनाएं’ के 19 वें सोपान में जी.डी.अंकलेसरिया रोटरी हॉल पर प्रस्तुत रचनाओं में विविधता का अहसास करवाया ।
श्रोताओं को कर दिया आनंदित काव्य पाठ में
आयोजन में की शुरुआत लगन शर्मा ने चंदन कुमार पांडेय की रचना ‘ तीन पहर तो बीत गए ‘ के पाठ से की। नंदकिशोर भाटी ने हरिशंकर परसाई के व्यंग्य ‘अयोध्या में ख़ाता-बही ‘ का पाठकर श्रोताओं को आनंदित कर दिया। कविताओं के क्रम में दीपक राजपुरोहित द्वारा ‘सिरसा के राम बसे निषाद के मन में’ का पाठ, आशा श्रीवास्तव द्वारा डॉ. प्रकाश निहालानी की रचना ‘ तेल कम है फिर भी रोशन हैं दिए ‘ का पाठ किया गया। योगिता राजपुरोहित ने अब्राहम लिंकन के पत्र ‘ पुत्र के शिक्षक के नाम ‘ का पाठ, अनीस ख़ान द्वारा प्रिय शायरों के ‘चंद अशआर’ का पाठ किया । नीरज कुमार शुक्ला ने सारा शगुफ़्ता के संस्मरण ‘आपबीती’ का पाठ कर स्त्री की स्थिति बयान की। ग्यारह वर्षीय जर्मन निवासी नन्हीं आन्या अभिषेक व्यास बहुत प्रभावित करते हुए जर्मनी में कविता पढ़ने के साथ उसका हिन्दी में अनुवाद भी सुनाया । विनीता ओझा द्वारा नरेश मेहता की रचना ‘मंत्र-गंध और भाषा ‘ का पाठ एवं सरिता दशोत्तर द्वारा भगतसिंह की बहन द्वारा लिखी गई ‘वसीयत’ के अंश का पाठ किया गया।
इनकी उपस्थिति रही
आयोजन को अपनी उपस्थिति से सार्थक किया दिनेश राजपुरोहित, रीता दीक्षित, विनोद झालानी, आई.एल. पुरोहित, ललित चौरडिया, जितेंद्र सिंह पथिक, मयूर व्यास, नंदकिशोर भाटी, प्रभु राम जरान्ला, राधेश्याम शर्मा , पद्माकर पागे, नरेंद्र त्रिवेदी, अभिषेक व्यास , इन्दु सिन्हा, रक्षम कोठारी, सांत्वना शुक्ला, नीता गुप्ता, रजनी व्यास, ऋतम उपाध्याय, कीर्ति कुमार शर्मा, ओम प्रकाश मिश्रा, मणिलाल पोरवाल, रणजीत सिंह राठौर, किरण जैन, कमलेश बैरागी, श्री राम दिवे, सत्यनारायण सोढ़ा, नीलेश कोठारी, जीएस खींची, डूंगर सिंह, अभय जैन, गजेंद्र सिंह चौहान, जी.के. शर्मा, विष्णु बैरागी, महावीर वर्मा, आशीष दशोत्तर एवं साहित्य प्रेमी मौजूद थे।
इस अवसर पर रतलाम से इंदौर निवासी हो रहे वरिष्ठ शिक्षाविद् जी.के.शर्मा को पुष्प गुच्छ भेंट कर शुभकामनाएं दी गई।