श्रद्धांजलि : संघ के वरिष्ठ प्रचारक बालमुकुंद झा पंचतत्व में विलीन, जिंदगी का हर पल राष्ट्र कार्य के लिए किया समर्पित
⚫ मुरैना से आए भतीजे ने दी मुखाग्नि
⚫ मरणोपरांत हुए नेत्रदान
⚫ सोमवार को होगा उठावना और शोक निवारण
⚫ आपातकाल के दौरान 19 महीने तक रहे भूमिगत
हरमुद्दा
रतलाम,7 अप्रैल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक बालमुकुन्द जी झा रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। 78 वर्षीय श्री झा संघ के आदर्श प्रचारक थे,जिन्होने अपने जीवन का क्षण क्षण राष्ट्रकार्य को समर्पित कर दिया। जीवन के अंतिम क्षण तक वे शुद्ध सात्विक प्रेम के आधार पर कार्यकर्ताओं को जोड़ते रहे। त्रिवेणी मुक्ति धाम पर हुई शोकसभा में वक्ताओं ने ऐसे भाव व्यक्त किए।
स्व.श्री झा की अंतिम यात्रा रविवार सुबह नौ बजे राजस्व कालोनी स्थित संघ कार्यालय तपस्या से प्रारंभ हुई। स्व.श्री झा की पार्थिव देह को एक सजे हुए वाहन में रखा गया था। स्व.श्री झा को अंतिम बिदाई देने के लिए बडी संख्या में रा.स्व.संघ समेत विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। स्व. श्री झा की अंतिम यात्रा राजस्व कालोनी से प्रारंभ होकर सैलाना बस स्टैण्ड चौराहा,कालेज रोड,घण्टाघर होते हुए पैलेस रोड पंहुची। स्व. श्री झा ने पैलेस रोड स्थित अभाविप कार्यालय की उपरी मंजिल पर ही शनिवार को अंतिम सांस ली थी। अंतिम यात्रा के मार्ग में अनेक स्थानों पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्व.श्री झा को श्रद्धांजलि अर्पित की। पैलेस रोड स्थित कार्यालय से अंतिम यात्रा आगे बढी और डालूमोदी बाजार होते हुए नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई त्रिवेणी मुक्तिधाम पंहुची। कई स्थानों पर लोगों ने स्व.श्री झा को पुष्प समर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
इन्होने दी मुखाग्नि
स्व.श्री झा की चिता को मुखाग्नि मुरैना से आए उनके भतीजे धन्नालाल झा और संघ के खण्ड संघचालक विक्रम पाटीदार (बिलपांक) ने दी। संघ सूत्रों के मुताबिक स्व.श्री झा ने अपने जीवनकाल में ही खण्ड संघ चालक विक्रम पाटीदार से कहा था कि वे भी उनकी चिता को मुखाग्नि देंगे। इसी के चलते आज श्री पाटीदार ने मुखाग्नि दी। स्व.श्री झा के निधन पर उनके नेत्र भी दान किए गए, जिससे दो लोगों के जीवन में प्रकाश आ सकेगा।
आदर्श प्रचारक थे स्व.श्री झा
त्रिवेणी स्थित मुक्तिधाम पर आयोजित शोकसभा को म.प्र.शासन के केबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप,रा.स्व. संघ के मालवा प्रान्त के संघचालक प्रकाश शास्त्री,विद्या भारती मालवा प्रान्त के संगठन मंत्री अखिलेश मिश्र,और जिला संघचालक सुरेन्द्र सुरेका ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने स्व.श्री झा के व्यक्तित्व की विशेषताएं बताते हुए कहा कि स्व.श्री झा संघ के आदर्श प्रचारक थे। आपातकाल के दौरान 19 महीनों तक उन्होने भूमिगत रह कर संगठन का कार्य किया। इस दौरान जिन परिवारों के लोग जेल में बन्द किए गए थे,उनके परिवारों की चिन्ता करना,संगठन को सक्रिय रखने जैसी तमाम जिम्मेदारियों को उन्होने सफलतापूर्वक निभाया।
वक्ताओं ने कहा कि स्व.श्री झा के सुदीर्घ प्रचारक जीवन में उन्होने हजारों समर्पित और ध्येय निष्ठ कार्यकर्ताओं को तैयार किया। स्व.श्री झा के प्रचारक जीवन मे से एक लम्बा कालखण्ड उन्होने रतलाम में व्यतीत किया। रतलाम से उन्हे विशेष लगाव था। रतलाम में संघ के परिवारों के अलावा भी ऐसे कई परिवारों से उनके आत्मीय सम्बन्ध रहे,जिनका सीधे सीधे संघ से कोई सम्पर्क नहीं रहा होगा। स्व.श्री झा को याद करते हुए अनेक वक्ता और श्रोता न सिर्फ भावुक हुए बल्कि कई लोगों की आंखे नम हो गई। शोकसभा का संचालन अशोक पाटीदार ने किया।
ये थे उपस्थित
स्व.श्री झा की अंतिम यात्रा में संघ के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी, केन्द्रीय अधिकारी बलिराम जी पटेल,विभाग प्रचारक विजेन्द्र गोटी, विभाग कार्यवाह आशुतोष शर्मा, नगर संघचालक राजेश पटेल, वीरेंद्र वाफगांवकर, दशरथ पाटीदार वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी, डॉ. रत्नदीप निगम, देवराज सिंह पंवार, भाजपा जिलाध्यक्ष, महापौर,भाजपा जिला प्रभारी प्रदीप पाण्डेय, दिलीप मकवाना, संघ की विभाग और जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों समेत विभिन्न संगठनों के अनेक पदाधिकारियों समेत काफी संख्या में स्वयंसेवक और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
सोमवार को होगा उठावना और शोक निवारण
त्रिवेणी मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार में मौजूद लोगों को दी गई सूचना के मुताबिक स्व.श्री झा का उठावना राजस्व कालोनी स्थित लायन्स हाल में सोमवार सुबह 10 बजे रखा गया है। मुक्तिधाम स्थल पर अनेक लोग स्व.श्री झा को श्रद्धांजलि देने के इच्छुक थे,परन्तु समयाभाव के कारण यह संभव नहीं हो पाया था। इसी को देखते हुए उठावने के साथ शोकसभा का भी आयोजन किया गया है,ताकि अधिकाधिक लोग स्व.श्री झा को श्रद्धासुमन अर्पित कर सके।