व्यक्तिगत उन्नति की ओर अग्रसर रहना भी संवैधानिक मौलिक कर्त्तव्य: रईस खान
1 min readहरमुद्दा
नीमच, 26 जुलाई। सफलता की ओर अग्रसर होने में संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार सहायक होते है। इसलिए हमे अपने अधिकारों की प्रति हमेशा सचते रहने के साथ ही कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहना चाहिए। व्यक्तिगत उन्नति की ओर अग्रसर रहने का कर्तव्य भी मौलिक कर्तव्यों में शामिल है। संविधान के आर्टिकल 51 ए में उल्लिखित 11 मौलिक कर्तव्यों में से एक में यह उल्लेख किया गया है कि सामुहिक एवं व्यक्तिगत गतिविधियों में उत्कर्ष को प्राप्त करने का निरन्तर प्रयास करें, जिससे देश निरन्तर उन्नती की ओर आगे बढें।
यह विचार शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, क्रमांक-02, में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर के अवसर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रईस खान ने व्यक्त किए।
जीवन के जरूरी सबक सिखाए
श्री खान ने कई उपयोगी कानूनी प्रावधानों के बारे में बताने के साथ ही यह भी बताया कि बिना लायसेंस एवं बीमा के वाहन चलाते हुए दुर्घटना होने के गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते है, ऐसी स्थिति में आपके वाहन से क्षतिग्रस्त व्यक्ति यदि अत्यधिक आय अर्जित करने वाला रहा हो तो, आपकी जीवन भर की कमाई आपके हाथ से चली जाएगी। वाहन चलाते हुये नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
सहायता एवं सलाह मिलती है निःशुल्क
जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री शक्ति रावत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह प्राप्त करने के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
यह थे उपस्थित
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी, विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकगण सहित बड़ी संख्या में विद्यालय के छात्र उपस्थित थे।