धर्म संस्कृति : दीक्षार्थी के संयम वस्त्रों पर केसर के स्वस्तिक और चेहरे पर हल्दी के साथ सजा शौर्य का शिलालेख

विरति वाटिका आगमोदधारक नगरी का उद्घाटन

मंगलवार को निकलेगी भव्य वर्षीदान यात्रा

महोत्सव में गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित अन्य प्रान्तों से समाजजन हो रहे शामिल

बंधु बेलड़ी परिवार में यह 128 वीं दीक्षा

हरमुद्दा
रतलाम, 10 जून। रतलाम की पुण्य पावन धरा पर मुमुक्षु संयम पालरेचा के 12 जून को आयोजित दीक्षा महोत्सव के लिए आचार्य देव श्री जिनचन्द्रसागरसूरि विरति वाटिका आगमोदधारक नगरी का समारोह पूर्वक उद्घाटन हुआ। आचार्य श्री बंधु बेलड़ी शिष्यरत्न गणिवर्य श्री पदम-आनंदचन्द्रसागर जी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में सद्गुरु सतकीर्तन उत्सव, शौर्य का शिलालेख- संयम वस्त्रोत्सव के आयोजन रखे गए। मंगलवार को धानमंडी से दीक्षार्थी की भव्य वर्षीदान यात्रा एवं रात्रि में विदाई समारंभ होगा। महोत्सव में गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित अन्य प्रान्तों से समाजजन दीक्षा के अविस्मरणीय प्रसंग के साक्षी बनने के लिए रतलाम पहुंचे है ।

गुरु भगवंत का अक्षत से वधामणा

सोमवार को दीनदयाल नगर में विरति वाटिका का विधिविधान से उद्घाटन लाभार्थी मातुश्री सीताबेन कांतिलाल शाह परिवार अनावल वाला की ओर से मुमुक्षु संयम भाई एवं सुश्रावक रौनक शाह, सूरत ने किया । इसके पूर्व गणिवर्य श्री चल समारोहपूर्वक वाटिका पर मंगल प्रवेश किया।  दीक्षार्थी झूमते नाचते और दीक्षार्थी की माता श्रीमती कविता प्रवीण पालरेचा, बहन लब्धि तिलक सिसोदिया आदि परिवार की महिलाएं मंगल कलश लिए चल रही थी । पू.साध्वी श्री अर्चितगुणाश्रीजी म.सा, साध्वी श्री स्वर्णज्योति श्रीजी म.सा, साध्वी श्री मेघवर्षाश्रीजी म.सा, श्री रत्नरिद्धिश्रीजी म.सा.एवं साध्वी श्री रतनवृद्धिश्रीजी म.सा.आदि विशाल श्रमण श्रमणी वृन्द आदि सभी ने यहां विशेष तौर से सुसज्जित गुरु मन्दिर में दर्शन वंदन किए। 

दीक्षार्थी परिवार ने गुरु भगवंत का अक्षत से वधामणा किया । श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ रतलाम एवं श्री ऋषभदेव केसरीमल जी जैन श्वेताम्बर पेडी रतलाम की और से दीक्षार्थी परिवार का बहुमान किया गया। संचालन अशोक भाणावत ने किया ।

दीक्षार्थी का बहुमान करते हुए

बंधु बेलड़ी परिवार में यह 128 वीं दीक्षा

गणिवर्य श्री श्री पदम-आनंदचन्द्रसागर जी म.सा. संबोधित करते हुए
विरति वाटिका आगमोदधारक नगरी का उद्घाटन

यहां आयोजित सद्गुरु सतकीर्तन उत्सव में गणिवर्य श्री श्री पदम-आनंदचन्द्रसागर जी म.सा.ने कहा कि रतलाम पर पूज्य गुरुदेव का विशेष लगाव और आशीर्वाद रहा है । विगत 60 वर्षो में उनकी निश्रा में यहां कई चातुर्मास, प्रतिष्ठा महोत्सव एवं दिक्षाएं आदि आयोजन हुए । बंधु बेलड़ी गुरुदेवश्री ने संयम भाई को अयोध्यापुरम तीर्थ में इसी वर्ष 12 फरवरी को दीक्षा मुहूर्त प्रदान किया था । बंधु बेलड़ी परिवार में यह 128 वीं दीक्षा होने जा रही है । उन्होंने कहा कि दो साल पहले रतलाम में चार दीक्षाओं के प्रसंग पर आचार्य देव श्री जिनचन्द्रसागर सूरीश्वर जी म.सा. पधारे थे और यह दीक्षा भी उनकी ही निश्रा में होना थी लेकिन इसी बीच वे अनायास ही कालधर्म को प्राप्त हो गए । उन्होंने कहा कि संयम भाई की विरति जीवन के प्रति तीव्र लगन और तप आराधनापूर्ण जीवन को देख दीक्षा के लिए आशीर्वाद प्रदान किया था । सद्गुरु के सत्संग और सान्निध्य से ही शिष्य में परिवर्तन आता है और वह अपने जीवन के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संयम मार्ग पर अग्रसर हो जाता है ।

कुमकुम और केसर के स्वास्तिक

12 दिवसीय दीक्षा महोत्सव में 10 वें दिन शौर्य का शिलालेख- संयम वस्त्रोत्सव पू.साध्वी श्री अर्चितगुणाश्रीजी म.सा. आदि श्रमणी वृन्द  की निश्रा में उत्सवी वातावरण में हुआ । दीक्षार्थी के श्वेत वस्त्रों पर साध्वी जी एवं परिजनों ने कुमकुम और केसर से स्वास्तिक बनाए । दीक्षा ग्रहण करने के बाद संयम भाई साधु वेश सर्वप्रथम धारण करेंगे । दीक्षा उपकरण से सुसज्जित छाप भरने के बाद मुमुक्षु के परिजनों को सौपी गई । सभी ने दीक्षार्थी को हल्दी लगाकर यशस्वी संयम जीवन की मंगल कामनाएं प्रदान की । शब्द, सुर एवं स्वर संयोजन लब्धि सिसोदिया का रहा । प्रभावना लाभार्थी राजबालाबेन स्व.अशोक कुमार पंवार रहे ।

भव्य वर्षीदान यात्रा एवं दीक्षार्थी विदाई

मंगलवार को सुबह 9 बजे दीक्षार्थी की भव्य वर्षीदान यात्रा श्री सुविधिनाथ जी मन्दिर के पास धानमंडी से निकलेगी । शहर के प्रमुख मार्गो पर भ्रमण कर यात्रा दीनदयाल नगर में विरति वाटिका पर पहुचेंगी । आयोजक नगीनकुमार प्रवीणकुमार पालरेचा परिवार ने  बताया दोपहर में प्रीतिदान, अंतिम वायणा और रात्रि में दीक्षार्थी की दीक्षार्थी विदाई होगी । 

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