गुलाब चक्कर की ली सुध : सांस्कृतिक विरासत, प्राचीन मूर्तियों को सहेज कर रखा जाएगा सुव्यवस्थित ढंग से
⚫ कलेक्टर श्री बाथम ने किया निरीक्षण
⚫ प्रतिमाओं की सफाई के दिए निर्देश
⚫ बहु आयामी स्वरूप में आएगा निखार
हरमुद्दा
रतलाम 23 जुलाई। जिम्मेदारों की नजरे इनायत होने के बाद शहर के पुराने कलेक्ट्रेट स्थित गुलाब चक्कर का विकास किया जाएगा, जो आगामी दिनों में नए स्वरूप में दिखेगा। पुराने कलेक्ट्रेट में रखी धार्मिक महत्व की देवी देवताओं की विशिष्ट मूर्तियां को सुव्यवस्थित ढंग से रखा जाएगा।
कलेक्टर राजेश बाथम ने मंगलवार को पुराने कलेक्ट्रेट का निरीक्षण किया वे उस कक्ष में पहुंचे। जहां प्राचीन दसवीं शताब्दी से 15 वीं शताब्दी की परमार कालीन मूर्तियां रखी हुई है। कलेक्टर ने निरीक्षण करते हुए निर्देशित किया कि इन मूर्तियों शिलाओ की व्यवस्थित सफाई की जाए। इस सांस्कृतिक धरोहर को विशिष्ट ढंग से सहेज कर रखा जाए। साथ मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंत्री चैतन्य काश्यप की मंशा अनुसार हमारे जिले की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत को व्यवस्थित ढंग से सहेजने का काम सुंदर स्वरूप में किया जाएगा।
बहु आयामी स्वरूप में आएगा निखार
कलेक्टर ने कहा कि गुलाब चक्कर को विशेष रूप से शहर के लिए एक विशिष्ट सांस्कृतिक मंच के रूप में विकसित किया जाएगा शहर के बीचो-बीच स्थित गुलाब चक्कर आगामी दिनों में आम नागरिकों के लिए बहुआयामी स्वरूप में निखारा जाएगा
यह थे मौजूद
कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर आर एस मंडलोई, एसडीएम अनिल भाना, शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी अरुण पाठक आदि उपस्थित थे