सामाजिक सरोकार : चरित्र- निर्माण और प्रगति के लिये शिक्षक और समाज की सम्मिलित भूमिका सर्वोपरि
⚫ साहित्यकार डॉक्टर मुरलीधर चांदनीवाला ने कहा
⚫ पोरवाल समाज के शिक्षक शिक्षिकाएं स्व. रामचंद्र मीना पोरवाल स्मृति “शिक्षा के रत्न” अवार्ड से सम्मानित
हरमुद्दा
रतलाम, 4 सितंबर। शिक्षकों के प्रति सम्मान का भाव सामाजिक चेतना का ही विषय है। पोरवाल समाज के बंधुओं ने शिक्षकों का सम्मान कर जो दायित्व निभाया है, वह केवल प्रशंसनीय ही नहीं है, अपितु अन्य सामाजिक संस्थाओं के लिए भी प्रेरणादायी है। युवा पीढ़ी में जीवन-मूल्यों का सृजन, शिक्षक और समाज, दोनों मिलकर ही कर सकते हैं। चरित्र- निर्माण और प्रगति के लिये शिक्षक और समाज की सम्मिलित भूमिका सर्वोपरि है।
यह विचार साहित्यकार डॉक्टर मुरलीधर चांदनीवाला ने व्यक्त किए। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर जिला शिक्षा केंद्र हाथी खाना परिसर में पोरवाल समाज के शिक्षकों को डॉ. चांदनीवाला के मुख्य आतिथ्य में सम्मानित किया गया।
डॉ. राधाकृष्णन की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
कार्यक्रम संयोजक राकेश पोरवाल ने बताया कि कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि डॉ. चांदनीवाला, पोरवाल सोशल ग्रुप अध्यक्ष सुनील पोरवाल भगत, युवाम संचालक धर्मेंद्र मंडवारिया कार्यक्रम संयोजक राकेश पोरवाल मेहंदीकुई बालाजी मंदिर ट्रस्ट सचिव संजय दलाल ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया ।
इनको किया सम्मानित
समाज के शिक्षक डॉ. नरेंद्र कुमार गुप्ता, ममता गुप्ता, पूर्णिमा फरक्या, डॉ. दिव्या पोरवाल, अरविंद सेठिया, निखिल पोरवाल, धर्मेंद्र गुप्ता व प्रवीण फरक्या आदि को स्व. रामचंद्र मीना पोरवाल स्मृति “शिक्षा के रत्न” अवार्ड से सम्मानित किया।
यह थे मौजूद
कार्यक्रम में विकास पोरवाल, निर्मला धनोतिया, सुनील पोरवाल, उमंग पोरवाल सहित समाजजन मौजूद थे। संचालन राकेश पोरवाल ने व आभार सुनील पोरवाल ने माना।