सेहत सरोकार : गंभीर बीमारियों के साथ साथ मौसमी बीमारियों के निदान के लिए प्रदेश सरकार उठाएं आवश्यक कदम
⚫ पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी की सलाह
⚫ बढ़ रही मृत्यु दर चिंताजनक
⚫ कोरोना के बाद कैंसर, हार्ट अटैक, पैरालिसिस, ब्लड प्रेशर, शुगर, किडनी के रोगियों में वृद्धि
⚫ अस्पताल में बेड, डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और दवाइयों का अभाव
हरमुद्दा
रतलाम, 24 अक्टूबर। वर्तमान में खासकर कोरोना काल के पश्चात्य कैंसर, हार्ट अटैक, पैरालिसिस, ब्लड प्रेशर, शुगर, किडनी से संबंधित बीमारियों की अचानक से उत्तरोत्तर व गंभीर रूप से वृद्धि देखने को मिल रही है। आए दिन समाज में इन गंभीर बीमारियों के मरीज बढ़ने लगे है और मृत्यु दर भी बढ़ रहा है जो कि चिंताजनक है। भाजपा की संवेदनशील सरकार से यह अपेक्षा रहेगी कि वो इसे गंभीरता से लेगी।
प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने ज्वलंत मुद्दे पर बताया कि वर्तमान में चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया, अस्थमा, टाइफाइड, और वायरल बुखार के मरीजों से भी कई लोग पीड़ित हो रहे है। अस्पताल में बेड, डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और दवाइयों का अभाव है जिसे तत्काल पूरा करने की आवश्यकता है।
निर्धन के बनवाए आयुष्मान कार्ड
पूर्व गृह मंत्री कोठारी ने सरकार से अपील की है कि इन बीमारियों के रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। जिन परिवार के आयुष्मान कार्ड बनने से रह गए है, वो एक अभियान के तहत बनवाए जाए ताकि निर्धन व्यक्ति जिनके लिए यह बीमारियां एक वज्रपात से कम नहीं होती, उन्हें उपचार के अत्यधिक व्यय की व्यवस्था से राहत मिल सके।
मॉनिटरिंग की जाएगी दवाई की कमी ना हो
श्री कोठारी ने बताया कि प्रायः देखने में आ रहा है कि सरकारी अस्पताल में दवाइयों का अभाव रहता है और आम व्यक्ति के बाहर से लिए दवाई क्रय करने में आर्थिक रूप से अक्षम रहता है। ऐसे में सरकारी अस्पताल में दवाइयां उपलब्ध करवाई जाए। लगातार मॉनिटरिंग कर यह सुनिश्चित किया जाए कि दवाई की कमी न हो। डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ की कमी को भी दूर किया जाना अब महती आवश्यकता बन गया है।
स्वास्थ्य शिविर लगाएं ताकि प्रारंभिक स्तर पर हो उपचार
पूर्व मंत्री कोठारी ने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगवाए जाए ताकि इन बीमारियों के गंभीर रूप लेने से पूर्व प्रारंभिक स्तर पर ही पता कर इलाज हो सके। इन बीमारियों के होने के कारण और इनसे बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि यह समाज में अपने पैर न फैला सके। लो इम्युनिटी भी इन बीमारियों की जड़ बताई जा रही है अतः उसे बढ़ने के लिए भी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
फसलों पर अमानत दवाइयां के छिड़काव के चलते बीमारियां शुरू
प्रायः यह सुनने में आता है कि खाद्यान्न की अधिक उपज पाने हेतु फसलों पर दवाइयों के अत्यधिक और अमानक छिड़काव भी इन बीमारियों का कारण बताया जा रहा है . इस पर विशेषज्ञ टीम से जांच करवा कर छिड़काव को नियंत्रित किया जाए ताकि बीमारियों के होने की जड़ को ही समाप्त किया जा सके।
बीमारियों के मूल कारण का लगाएं पता, करें रोकथाम
श्री कोठारी ने सरकार से निवेदन किया कि इन गंभीर बीमारियों से निर्धन ही नहीं मिडिल क्लास की भी कमर टूट जाती है, उसका पूरा जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। अतः इन बीमारियों के मूल कारण और रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम मानवता के लिए पहल होगी। अतः बाकी अन्य सभी प्रकार के व्यय पर इस बात को प्राथमिकता देना जरूरी है और भाजपा की संवेदनशील सरकार से यह अपेक्षा रहेगी कि वो इसे गंभीरता से लेगी।