फैसला : जानलेवा हमला करने वाले पोरवाल को 10 साल की सजा
⚫ मामला 2021 का
⚫ फरियादी के पिता से पोरवाल ने कहा चलो घूमने
⚫ मना करने पर अपशब्द बोलते हुए कर दिया जानलेवा हमला
⚫ घायल व्यक्ति को लोगों ने तत्काल अस्पताल पहुंचाया
हरमुद्दा
रतलाम 23 अक्टूबर। जिले के आलोट में एक व्यक्ति को नागेश्वर पोरवाल ने घूमने चलने के लिए कहा। मना करने पर अप शब्द कहते हुए कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। नतीजतन व्यक्ति घायल हो गया। लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। बेटे की रिपोर्ट पर पुलिस ने जानलेवा हमले का प्रकरण दर्ज किया। बुधवार को विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी एक्ट प्रयागलाल दिनकर ने मामले में फैसला सुनाते हुए 10 साल की सजा और अर्थ दंड से दंडित किया।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी जी.पी.घाटिया ने हरमुद्दा को बताया कि अभियुक्त नागेश्वर पिता शंकरलाल पोरवाल उम्र 44 वर्ष निवासी 137 वार्ड नं. 07 जूना बाजार आलोट जिला रतलाम को धारा 307 भादवि एवं धारा 3(2)(V) एट्रोसिटी एक्ट में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000-10,000/-रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।
इस प्रकार है मामला
जिला लोक अभियोजन अधिकारी घाटिया ने बताया कि 27 फरवरी 2021 को फरियादी मुकेश ने आरक्षी केन्द्र आलोट में रिपोर्ट दर्ज करवाई। उसने बताया कि वह ग्राम धारोला रहता है और मजदूरी करता है। आज वह ईंट भट्टे ताजली रोड पर काम कर रहा था, तभी करीबन 04ः30 बजे उसके गांव का भारत पिता भग्गू चन्द्रवंशी ने उसे मोबाईल जानकारी दी। बडौदा नाके पर नागेश्वर पिता शंकरलाल पोरवाल तुम्हारे पिताजी को अपशब्द बोलते हुए मार रहा है। कुल्हाड़ी से सर पर वार किया है। पिताजी को सरकारी अस्पताल में ले गए।
अस्पताल में पिता ने मुकेश को बताया घटनाक्रम
मुकेश तत्काल सरकारी अस्पताल आलोट आया। जब उसने पिताजी को देखा तो सिर से व बांये हाथ से खून निकल रहा था। पिताजी ने बताया कि वे लाला के मकान के पास खड़े थे, तभी आलोट का नागेश्वर पोरवाल उनसे बोला कि रामदेवरा चलोगे। तुम्हारा एक साथी तो मर चुका है। पिताजी ने कहा कौन मर चुका है पता नही, फालतू बात मत कर। इतना कहते ही नागेश्वर पोरवाल अपशब्द बोलने लगा। पिताजी ने ऐसा करने से मना किया तो नागेश्वर ने जान से मारने की नियत से कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। कुल्हाड़ी से सिर में व बांये हाथ के पंजे में चोट आई। मौके पर भारत चन्द्रवंशी व प्रहलाद शर्मा निवासी धरोला, अशोक प्रजापत निवासी कुम्हार नाका व आसपास के अन्य लोग पहुंचे।
सुनाया फैसला
बेटे की रिपोर्ट पर थाना आलोट द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्त नागेश्वर को दोषसिद्ध किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी घाटिया द्वारा की गई।