मुद्दे की बात: “ऑनलाइन ट्रेडिंग”  फ्रॉड से रहे सावधान

अनजान वेबसाइट या एप्लीकेशन के माध्यम से न करे निवेश

सायबर सिक्योरिटी एडवाइजरी

हरमुद्दा
रतलाम, 26 नवंबर। सायबर ठगी के नए नए तरीकों से लोगों को ठगने के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक रतलाम श्री अमित कुमार के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतलाम श्री राकेश खाखा के मार्गदर्शन में सायबर क्राइम सेल रतलाम टीम द्वारा आम लोगो को सायबर ठगी ने नए नए तरीकों के प्रति आम लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से सायबर फ्रॉड के तरीके और उनसे बचने के उपाय के बारे में समय समय पर एडवाइजरी जारी की जा रही है।


आजकल सायबर फ्रॉडस्टर द्वारा ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर आम लोगों को ठगा जा रहा है। ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड एवं इससे बचने के तरीकों के बारे में आज एडवाइजरी रतलाम पुलिस द्वारा जारी की जा रही है

क्या है ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड ?

इस प्रकार के फ्रॉड में सायबर अपराधी लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या व्हाट्सएप पर मुफ्त ट्रेडिंग टिप्स कक्षाओं के बारे में विज्ञापन मिलते हैं। जब वे विज्ञापन पर क्लिक करते हैं, तो उन्हें एक अज्ञात व्हाट्सएप या टेलीग्राम ग्रुप पर भेज दिया जाता है। जालसाज इन व्हाट्स ऐप या टेलीग्राम ग्रुप्स के माध्यम से पीड़ितों से संवाद करते हैं और उन्हें स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए मुफ्त ट्रेडिंग टिप्स देकर निवेश करने के लिए राजी करते हैं। कुछ दिनों के बाद, पीड़ितों को स्टॉक ट्रेडिंग में आगे के मार्गदर्शन और भारी मुनाफा कमाने के लिए धोखेबाजों द्वारा प्रदान किए गए ट्रेडिंग एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है। सायबर जालसाजों द्वारा आम लोगों को कहा जाता है कि हमारे एप्लीकेशन पर कन्फर्म IPO अलॉटमेंट होता है।

“लालच में आकर लोग फ्रॉडस्टर द्वारा बताए एप्लिकेशन इंस्टॉल करते हैं, जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के तहत पंजीकृत नहीं हैं। वे जालसाजों की सिफारिशों के आधार पर रजिस्ट्रेशन करते हैं और स्टॉक ट्रेडिंग शुरू करते हैं। शेयर खरीदने के लिए राशि जालसाजों द्वारा बताए गए बैंक खातों में जमा की जाती है। जमा की गई राशि आपके द्वारा डाउनलोड किए गए ट्रेडिंग एप्लीकेशन वॉलेट में दिखाई देने लगती है। डिजिटल वॉलेट में नकली मुनाफा दिखाया जाता है, तथा IPO अलॉटमेंट भी दिखाया जाता है। परन्तु यह वास्तव में डिजिटल वॉलेट में दिखाई देने वाले नंबर्स मात्र होते है। दिखाई दे रही राशि को आप विथड्रावल नहीं कर सकते है।


जब पीड़ित डिजिटल वॉलेट से अपना ‘मुनाफा’ निकालने की कोशिश करते हैं, तो उनके सामने अलग अलग कंडीशन बताकर और रुपए इन्वेस्ट करने के लिए कहा जाता है तथा बताया जाता है कि आप और इन्वेस्ट नहीं करेंगे तो आप पैसा नहीं निकल सकते। उन्हें बताया जाता है कि जब आप 50 लाख रुपये या उससे ज़्यादा का मुनाफ़ा कमा लेंगे तभी आप पैसा निकल सकेंगे। कंपनी की इस नीति पर भरोसा करते हुए पीड़ित धोखेबाज़ों के निर्देशों के अनुसार लगातार निवेश करते रहते हैं।

एक समय ऐसा आता है जब पीड़ितों से उनके द्वारा अर्जित लाभ के लिए एक निश्चित कर राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। यदि वे मना करते हैं, तो सभी संचार बंद हो जाते हैं, और उपयोगकर्ता को ब्लॉक कर दिया जाता है। तब ही अधिकांश लोगों को एहसास होता है कि उनके साथ धोखा हुआ है।

क्या सावधानी रखे ?

सोशल मीडिया पर इन्वेस्टमेंट के नाम पर दिए गए विज्ञापनों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।  सोशल मीडिया प्लेटफार्म से भेजे जाने वाले लिंक के बाद जिस ग्रुप्स से जोड़ा जाता है, वह पूरा ग्रुप फेक नंबर से बना होता है। इसमें आपको 200 से 500 तक आकर्षक डीपी लगे मेंबर दिखेंगे। ग्रुप में एडवाइजर का बाकी मेंबर्स से डिस्कशन होता है। सभी फेक मेंबर्स चैटिंग में मोटा मुनाफा होने के स्क्रीनशॉट डालते हैं। दरअसल, ग्रुप्स के एडमिन जालसाज होते हैं। दिखावे के लिए फेक नंबरों से आपस में डिस्कशन करते हैं। इन्हें देख लोग ‘एक बार ट्राय’ का चांस लेकर फंसते हैं। आपके डिमेट अकाउंट, बैंक डिटेल्स से संबंधित कोई भी जानकारी इस प्रकार के ग्रुप्स में साझा नहीं करना चाहिए। व्हाट्सएप टेलीग्राम चैनल के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग हेतु सुझाए जा रहे एप्लीकेशन या वेबसाइट पर इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहिए।
      ऑनलाइन ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के लिए केवल SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म्स का ही उपयोग करना चाहिए।
         किसी भी साइबर-संबंधी अपराध के मामले में, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करे या साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करे या नजदीकी पुलिस थाने पर संपर्क करना चाहिए।

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