प्रो. अज़हर हाशमी जी के 75 वें जन्मदिन (13 जनवरी) पर : ख़ूबसूरत इबारत लिखता कवि
⚫ आशीष दशोत्तर
तहरीरें
यूं ही नहीं लिखी जातीं ,
एक-एक हर्फ़ वुज़ू करता है
आबे-सदाकत में ,
दिल में नेकियों का जज़्बा लिए
हाज़िर होता है उस सफ़ में
जहां मौजूद होते हैं पहले से ही कई हर्फ़ ,
इन हर्फ़ों से मिलकर बना
हर एक लफ्ज़ अपने वक़ार के साथ
हाथ बांधे खड़ा होता है इस गरज से
कि शामिल हो सके इस इबारत में कहीं,
कि मुकम्मल कर सके वह उसे।
जब अल्फ़ाज़ एक हो जाते हैं
बग़ैर किसी फ़र्क के
तब सामने आता है एक अर्थ
पूर्ण होता है कोई जुमला ,
और ऐसे कितने ही जुमले मिलकर
गढ़ते हैं एक ख़ूबसूरत इबारत ।
तुम इधर
हर एक लफ्ज़ को तौल रहे हो
अपनी हसद के मिज़ान पर
और उधर बूढ़े हाथ
एक – एक लफ्ज़ को उठा रहे हैं
बहुत सलीके से
इज्ज़त के साथ रख रहे हैं कोरे कागज़ पर
हौले – हौले उनके बीच
हो रहा है एक राब्ता,
और उन हाथों के क़रीब
रखी गीता , कुरआन और बाइबल
देख रही हैं एक नज़र से
ख़ुश हो रही हैं
कागज़ पर उतरती तहरीरों को देखकर
यहीं आसपास बिखरी कविताएं
खुशियां बिखेर रही हैं ,
अपने बीच आई नई इबारत का
ख़ैरमकदम कर रही हैं,
बूढ़े हाथ अपने भीतर के पूरे ईमान से
क़लम को पड़कर
उतार रहे हैं कागज पर
एक मानीखेज़ तहरीर।
तुम उस तहरीर को नहीं समझोगे
और न ही समझ पाओगे
इस बात को
कि एक तहरीर के काग़ज़ पर उतरने से पहले
गुज़रना पड़ता है जाने किस-किस को
कितनी – कितनी तकलीफ़ों से!
: नोट :
प्रो. अजहर हाशमी का जन्मदिन कार्यक्रम निरस्त
प्रख्यात चिंतक एवं साहित्यकार प्रो. अजहर हाशमी का जन्मदिन 13 जनवरी को विद्यार्थी परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। विद्यार्थी परिवार द्वारा प्रति वर्ष पर प्रो. अजहर हाशमी का जन्मदिन मनाया जाता है। प्रो. हाशमी के बहनोई काव्य प्रेमी मुस्ताक हसन ( 69 वर्ष) का आकस्मिक निधन आगर मालवा में हो गया है। इस कारण विद्यार्थी परिवार द्वारा प्रो. अजहर हाशमी का जन्मदिन कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है।
⚫ आशीष दशोत्तर, रतलाम
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