धर्म संस्कृति : हे स्वामी नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु से गूंज उठी शौरीपुर नगरी, आज मनेगा मोक्षकल्याणक महोत्सव
⚫ मुनिराज नेमीनाथजी को हुआ प्रथम आहार
⚫ समवशरण की हुई रचना
⚫ दिव्य ध्वनि का हुआ प्रसारण
हरमुद्दा
रतलाम, 14 जनवरी। माघ कृष्ण एकम मंगलवार के शुभ दिन मध्य प्रदेश की स्वर्ण नगरी रतलाम में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभ दिन बहुत ही श्रद्धा एवं भक्ति भाव पूर्वक 1008 तीर्थंकर नेमीनाथ भगवान का ज्ञानकल्याणक महोत्सव मनाया गया।
प्रातः काल की मंगल बेला पर शांति जाप के साथ पूरे देश से पधारे हजारों जैन बंधुओं ने श्री जिनेन्द्र पूजन कर महोत्सव का शुभारंभ किया पश्चात आध्यात्मिक सतपुरुष गुरुदेवश्री कानजी स्वामी के साथ अतिथि विद्वान पंडित राजनीभाई दोशी ,पंडित राजकुमार शास्त्री उदयपुर, देवेंद्र शास्त्री बिजौलिया, डॉक्टर मनीष शास्त्री मेरठ के मंगल प्रवचनों का लाभ लेकर दिगंबर महा मुनिराजों का गुणगान किया।
कराई प्राण प्रतिष्ठा विधि
108 दिगंबर महामुनिराज नेमीनाथजी का गिरनारी वन से नगरी में आहार हेतु आगमन हुआ और हे स्वामी नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु से शौरीपुर नगरी गुंजायमान हो उठी और खीर द्वारा प्रथम आहार हुआ जिसका सौभाग्य जिनशासन सेवक धनेशकुमार, रमणीकलाल शाह एवं दीपा शाह परिवार मुंबई को प्राप्त हुआ जिनके साथ अन्य साधर्मी बंधुओं ने नवधा भक्ति पूर्वक मुनिराज नेमीनाथजी को आहार दिया ओर मंगलगान करते हुआ दिगंबर महामुनिराजों का गुणगान किया, आहार दान के पश्चात मुनिराज नेमीनाथ जी ने गिरनारी के वन की ओर प्रस्थान कर आत्म ध्यान में लीन हो गए। दोपहर में प्रतिष्ठाचार्य पंडितश्री रजनीभाई देशी एवं सहप्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी डॉक्टर मनोज जैन, श्रेणिक जैन जबलपुर, सुबोध शास्त्री शाहगढ़, नन्हे भैया सागर द्वारा प्राण प्रतिष्ठा विधि कराई गई।
केवलज्ञान की हुई प्राप्ति
मुनिराज नेमीनाथजी ने घोर तपस्या कर आत्म ज्ञान में लीन हुए और उन्हें केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई अब वे हो गए 22 वें तीर्थंकर नेमीनाथ भगवान, जिनका सौधर्म इंद्र की आज्ञा से कुबेर द्वारा समवशरण की रचना की गई। भव्य जीवों के भाग्य से वहां प्रभु की दिव्य ध्वनि का प्रसारण हुआ जिसका लाभ भव्य जीवों को मिला पश्चात इंद्र – इंद्राणियों सहित अपार जन समुदाय ने केवलज्ञान की पूजन की।
संध्या के समय सकल समाज ने तीर्थंकर नेमीनाथ भगवान की भक्ति की ओर दिल्ली से पधारे युवा भजन गायक पंडितश्री संजीव शास्त्री उस्मानपुर की एक शाम जिनेन्द्र भगवान के नाम भजन संध्या का लाभ लेकर वीतराग देव – शास्त्र – गुरु भगवन्तों का गुणगान कर नृत्यगान करते हुए उनका बहुमान किया पश्चात सभी ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
किया आभार प्रदर्शन
सभा के अंत में महोत्सव समिति द्वारा सफल आयोजन के लिए समस्त विद्वतजनों, श्रेष्ठिजनों सहित सम्मानीय मीडिया सहित जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर पालिक निगम, यातायात विभाग के साथ सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त कर उनका अभिनंदन किया गया।
आज मनेगा मोक्षकल्याणक महोत्सव
मीडिया प्रभारी दीपक राज जैन, उपाध्यक्ष कीर्ति बड़जात्या ने बताया कि आज माघ शुक्ल द्वितीय बुधवार के शुभ दिन मोक्षकल्याणक महोत्सव मनाया जावेगा जिसका शुभारंभ प्रातः 6 बजे मंगलकारी मंगलाचरण से होगा पश्चात 6.30 से शांति जाप, 7 बजे से श्री जिनेन्द्र पूजन, 7.45 से गिरनार पर्वत की रचना, तीर्थंकर नेमीनाथ को निर्वाण की प्राप्ति, मोक्षकल्याणक विधि, पूजन एवं सौधर्म इंद्र – इंद्राणी, माता – पिता, महा यज्ञनायक सहित सभी पत्रगणों द्वारा शांति यज्ञ किया जावेगा पश्चात अतिथि विद्वानों के मंगल प्रवचनों का लाभ मिलेगा। 10.30 बजे श्री जिनेन्द्र शौभायात्रा शौरीपुर नगरी से नवीन जिनालय तक जहां ध्वजारोहण, मंदिर उदघाटन, जिनबिम्बों की स्थापना सहित स्वाध्याय भवन, श्रुत स्कंध एवं दिव्य देशना सहित विविध उदघाटन विधि सम्मान कराई जावेगी, जिसमें सकल समाज से सम्मिलित होकर धर्म लाभ लेने की अपील महोत्सव समिति द्वारा की गई है।