सीईओ की कार्रवाई : सुखेड़ा के भ्रष्टाचारी पंचायत सचिव जगदीश को हटाया पद से

⚫ न्यायालय ने दी है 4 साल की सजा
⚫ नंदन फलोद्यान का आवेदन भेजने के लिए मांगे थे ₹5000
⚫ मामला 2021 का
हरमुद्दा
रतलाम 17 मार्च। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रृंगार श्रीवास्तव द्वारा जिले की ग्राम पंचायत सुखेड़ा के तत्कालीन सचिव जगदीश पांचाल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दंडित होने के कारण सेवा से हटा दिया गया है।

ज्ञातव्य है कि पंचायत सचिव पांचाल को विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा अर्थदंड से दंडित किया गया है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में 6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास के दंड से दंडित किया गया है। अतः उपरोक्त कारण से पंचायत सचिव को हटा दिया गया है।
यह था मामला

23 जुलाई 2021 को शंकरलाल मालवीय निवासी सुखेड़ा ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में शिकायत की थी। मालवीय की कृषि भूमि सर्वे नंबर 2335 ग्राम सुखेडा तहसील पिपलौदा जिला रतलाम में स्थित है। इस भूमि में से एक बीघा में नंदन फलोउद्यान (मनरेगा) के तहत जामफल और नींबू का बगीचा लगाना चाहते थे। आवेदन पिपलौदा जनपद के ग्राम पंचायत सुखेड़ा के तत्कालीन सचिव जगदीश पांचाल को 8-10 माह पहले दिया था। सचिव ने आवेदन सीईओ जनपद पंचायत पिपलौदा को नहीं भेजा और अपने पास रख लिया। आवेदन आगे भेजने के लिए पांचाल ने 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।
पहले लिए 3 हजार
आरोपी सचिव ने पहले 3 हजार रुपए ले लिए और शेष 2 हजार रुपए के लिए दो-तीन दिन बाद बुलाया। लोकायुक्त ने योजनाबद्ध तरीके से 26 जुलाई 2021 को शंकरलाल मालवीय को रुपए देकर भेजा। पिपलौदा स्थित सचिव के निजी कार्यालय में मालवीय ने 2 हजार रुपए दिए। वहां पहले से मौजूद लोकायुक्त इंस्पेक्टर रबीन्द्र पाराशर की टीम ने सचिव को ट्रैप कर लिया।
तब हो गया था घोल का रंग गुलाबी
जांच में पाया गया कि आरोपी को दिए गए नोटों के नंबर वही थे जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पाउडर लगाकर दिए गए थे। जब आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धोया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।
4 साल रहना पड़ेगा जेल में
विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने 28 जून 2022 को विशेष न्यायालय रतलाम में आरोपी के खिलाफ अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय ने ग्राम पंचायत सुखेडा के तत्कालीन सचिव जगदीश पांचाल (51) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 में दोषी पाया। उन्हें 4 साल का सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए का अर्थदंड दिया गया है।